Lok sabha Election: धारीवाल-गुंजल की लड़ाई से ओम बिरला की जीत हुई आसान

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कोटा। Lok sabha Election 2024: धारीवाल-गुंजल की लड़ाई से ओम बिरला की जीत अब और भी आसान हो गई है। कांग्रेस में अंदर ही अंदर प्रह्लाद गुंजल का जबरदस्त विरोध हो रहा है। शांति धारीवाल समर्थक नहीं चाहते थे कि गुंजल कांग्रेस में शामिल हो और वे कोटा-बूंदी साण्डीय क्षेत्र से चुनाव लडें।

यह बात शुक्रवार को कांग्रेस की बैठक में हुए हंगामे से स्पष्ट हो गई। यह सभी जानते हैं कि शहर में ओम-शांति की जोड़ी है। शहर में होने वाले हर विकास कार्य में पार्टनर भी। दोनों एक दूसरे के पापों को ढंकने का का करते आ रहे हैं। जैसे अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे की सांठगांठ।

राजस्थान में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को घेरने चली कांग्रेस खुद फंस गई है। प्रहलाद गुंजल- शांति धारीवाल विवाद ने ओम बिरला की राह आसान कर दी है। दरअसल, हाल ही में बीजेपी के बड़े नेता प्रहलाद गुंजल को कांग्रेस ने ओम बिरला के खिलाफ टिकट दिया है। लेकिन गहलोत के समर्थक माने जाने वाले पूर्व मंत्री ने विवाद खड़ा कर ओम बिरला को चुनाव से पहले वाॅकओवर दे दिया है?

राजस्थान के सियासी गलियारों में ओम-शांति की जोड़ी की चर्चा हो रही है। धारीवाल विवाद से कांग्रेस आलाकमान भी नाराज बताया जा रहा है। सियासी जानकारों का कहना है कि राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप लगाना आम बात है। ऐसे में बीजेपी में रहते हुए गुंजल ने जो आरोप धारीवाल पर लगाए थे, उनका खंडन करवाकर धारीवाल क्या मैसेज देना चाहते हैं?

जब गुंजल कांग्रेस में शामिल हो गए तो जाहिर सी बात है आरोप भी खारिज हो गए। लेकिन धारीवाल गुंजल पर हमलावर है। कांग्रेस नेता दबी जबान से स्वीकार कर रहे हैं इव विवाद का फायद ओम बिरला को होगा। धारीवाल भी यहीं चाहते हैं।

बता दें भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए प्रहलाद गुंजल को कांग्रेस ने कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है। शुक्रवार को गुंजल के समर्थन में कोटा शहर कांग्रेस की तरफ से बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में पूर्व मंत्री और कोटा उत्तर के विधायक शांति धारीवाल और प्रहलाद गुंजल के बीच पुरानी अदावत फिर नजर आई।

दोनों नेता एक बार फिर मंच पर ही आपस में भिड़ गए। इसी बात को लेकर कांग्रेस कार्यालय में हंगामा खड़ा हो गया था। इस पूरे मामले पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं का कहना है कि चुनाव के समय पर जबरन विवाद खड़ा किया गया है। कुछ नेताओं ने यह भी कहा कि ओम शांति की जोड़ी इससे एक्सपोज हो गई है।

कांग्रेस नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा- कांग्रेस कार्यकर्ता काफी समय बाद इस तरह से लामबंद हुआ है, लेकिन ऐसे समय पर अपने ही लोग उन जड़ों में तेजाब फेंकने का काम कर रहे हैं। यह कांग्रेस कार्यकर्ता बर्दाश्त नहीं करेगा। कोई भी नेता कार्यकर्ताओं के दम पर होता है।

कार्यकर्ता का रुझान कांग्रेस के कैंडिडेट प्रहलाद गुंजल की तरफ है। कोटा के कई कांग्रेसी नेता थे, जिनके जीवन में भी डाउनफाल आया है, लेकिन जिस तरह की हरकत आज शांति धारीवाल ने की है, उन्होंने राजनीतिक अंतिम पड़ाव में कार्यकर्ताओं भी मनोबल गिराया है और मेरे हिसाब से यह ठीक नहीं था”।

कांग्रेस नेता ने कहा कि “प्रहलाद गुंजल जबसे कांग्रेस में आए है, कार्यकर्ता घर से निकलकर बाहर आ रहे हैं। मैं बताना चाहता हूं कि अब यह जो चुनाव है, वह एक दंगल की तरह हो गया है। शांति धारीवाल ने जिस तरह से बोला है, वह गलत है। उससे सीधा साफ नजर आ रहा है कि ओम-शांति की जोड़ी है। जब लोगों को पता चला तो आम कार्यकर्ता में उत्साह है। कांग्रेस के कार्यक्रम इतनी बड़ी संख्या देखने को मिली है, हम चाहते हैं कि धारीवाल साथ देकर कांग्रेस के प्रत्याशी को जिताएं।”

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा- धारीवाल ने जिन आरोपों की बात कही है, वह विपक्ष के समय गुंजल ने लगाए थे। वो आरोप उसी दिन खत्म हो गए थे, जब पीसीसी में प्रहलाद गुंजल की जॉइनिंग हुई थी। बड़े नेताओं के नेतृत्व में उन्होंने पार्टी ज्वाइन की थी। इसके बाद कांग्रेस कमेटी ने उन्हे उम्मीदवार बनाया हैय़ गुंजल ने धारीवाल के घर पर जाकर सम्मान भी किया।

अनूप ठाकुर ने कहा कि बड़े नेताओं ने एक राय होकर कोटा-बूंदी से गुंजल को प्रत्याशी बनाया है। डीसीसी की बैठक में शांति धारीवाल ने पहले कह दिया कि गुंजल को रिवर फ्रंट और अन्य भ्रष्टाचार के मामलों में क्लीन चिट उन्हें देनी होगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रहलाद गुंजल भाजपा में थे, तब सांप्रदायिक थे। ऐसे में अब उन्हें सेकुलर होना पड़ेगा, क्योंकि यहां पर दोनों ही समाज के लोगों के वोट उन्हें लेने पड़ेंगे। इस बात को लेकर गुंजल ने कहा कि वह पहले भी सेकुलर ही थे।