बेमौसम बारिश ने किसानों के अरमानों पर फेरा पानी, शासन से उम्मीद नहीं

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  • संभाग भर में धनिया, गेहूं, सरसों, अफीम की खेती हुई खराब
  • तीन साल से नहीं मिला किसानों को खराबे का मुआवजा

कोटा। संभाग भर में हुई बेमौसम बारिश ने किसानों को खासा नुकसान पहुंचाया है। संभाग के रामगंजमंडी, कनवास, देवली, सांगोद, खानपुर, बकानी, इकलेरा, पिडावा क्षेत्र में फसलें तकरीबन चौपट हो गई हैं। रबी सीजन के धनिया, गेहूं और अफीम में सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। धनिया व गेहूं तेज हवा और ओलावृष्टि से आड़ा पड़ गया।

धनिया, सरसों के दाने फली से टूटकर खेत में गिर गए हैं। शेष बचा धनिया बदरंग होने से आधे दाम पर बिकेगा। गेहूं के खेत में लेटने की स्थिति बन गई। जिसे काटने में खासी परेशानी होगी और गेहूं के साथ मिट्टी की मिलावट होगी। इसी प्रकार रामगंजमंडी क्षेत्र में अफीम के चीरा लगाया जा रहा था। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने चीरे के काम को प्रभावित किया है। वहीं डोडे टूटने से फसल खराब हो गई है। इसके साथ ही मसूर, अलसी, चना भी प्रभावित हुआ है।

भारतीय किसान संघ की प्रांत महिला प्रमुख रजनी नागर ने बताया कि खरीफ का सीजन खराब होने के बाद रबी फसलों से बहुत उम्मीदें थी। जनवरी से अब तक लगातार तेज हवा, ओले और बारिश ने किसानों की उम्मीदें धूमिल कर दी हैं। इस समय अधिकांश फसलों में या तो बीज पक रहा है या फिर कटाई चल रही है।

ऐसे में दोनों ही स्थिति में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। आकोदिया गाँव के प्रभुलाल किराड़ ने बताया कि उधार लेकर बेटी की शादी कर रहा हूँ। गेहूं, सरसों और धनिए समेत खेत की तीनों फसल नष्ट होने से कर्ज चुकाने की चिंता सता रही है। ऐसे ही कईं सारे किसानों के पेशानी पर लकीरें उभर रही हैं।

भारतीय किसान संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख आशीष मेहता ने कहा कि तीन वर्ष से लगातार फसल खराब हो रही है। किसान हर बार उम्मीद लगाकर बैठता है। प्रकृति तो किसानों की परीक्षा ले ही रही है। शासन भी किसानों के धैर्य को परख रहा है। जल्द ही किसानों के तीन साल के खराबे का पूरा मुआवजा नहीं मिला तो व्यापक आंदोलन की रूपरेखा बनाएंगे।