पुलिस की मौजूदगी में हुई गेहूं की नीलामी, अब ट्रॉली से होगी बिक्री

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किसानों का गेहूं अब ट्रॉली पर ही नीलाम होगा और धर्मकांटे पर ही तुलेगा, मंडी प्रशासन का फैसला, व्यापारी मानने को तैयार नहीं 

कोटा। भामाशाह मंडी में माल की धर्मकांटे पर तुलाई और ट्रॉली से गेहूं की नीलामी को लेकर गुरूवार को दूसरे दिन भी हंगामा होता रहा। मंडी प्रशासन पुलिस की मौजूदगी में नीलामी कराई।

बाद में व्यापारियों ने भाव कम लगाया तो किसान जिंस बेचने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने माल को फिर से ढेर कर दिया, लेकिन मंडी प्रशासन ने ढेर की बोली लगाने से साफ इंकार कर दिया।

बाद में व्यापारी, किसान नेता और प्रशासन के अधिकारियों के बीच काफी देर तक वार्ता हुई। किसान नेताओं ने कह दिया कि वे माल को ढेर होकर नहीं बेचने देंगे। प्रशासनिक अधिकारियों का भी कहना था कि यह सरकार के निर्देश हैं और इसे लागू करना ही है।

व्यापारियों ने अपनी समस्या बताई। इसके चलते यह तय हुआ कि किसानों का गेहूं की नीलामी ट्रॉली से ही होगी और मध्यप्रदेश सहित अन्य जगहों से आने वाले व्यापारियों को 15 दिन की मोहलत दी गई है।

सुबह 10.30 बजे मंडी सचिव आरपी कुमावत ने यार्ड नंबर दो में ट्रॉली से गेहूं की नीलामी शुरू करवा दी। इस दौरान अनंतपुरा थाना पुलिस सहित अन्य पुलिस बल भी मौजूद था।

किसान नेता जगदीश शर्मा, देवा भड़क सहित अन्य लोग भी थे। शुृरूआत में 9 ट्रॉलियों की नीलामी तो 1550 से लेकर 1700 रुपए तक लगी, लेकिन बाद में रेट 1450 से लेकर 1500 तक ही रह गई। इस पर बाकी के किसानों ने नीलामी करने से इंकार कर दिया।

किसान नेताओं का आरोप है कि व्यापारियों ने जानबूझ कर रेट कम लगाई और किसानों को बरगलाकर ढेर करवाने के लिए ले गए। वहां किसानों ने माल ढेर कर दिया। सचिव कुमावत ने बताया कि जब किसानों ने ढेर कर दिया तो अनाउंस करवा दिया गया कि कोई भी माल की नीलामी ढेर पर नहीं होगी।

इसके बाद किसान नेताओं, व्यापारी प्रतिनिधिमंडल और प्रशासन के अधिकारियों के बीच वार्ता हुई। इसके बाद मामला शांत हुआ। बाद में शाम तक 24 से 25 ट्रॉलियों की नीलामी हुई। अब किसानों के गेहूं ढेर होकर नीलाम नहीं होंगे।

किसानों से भी अपील की जा रही है कि वे रात में जिंस लेकर नहीं आएं। इसमें मंडी प्रशासक एसडी मीणा, एएसपी अनंतकुमार, डीएसपी राजेश मेश्राम मौजूद थे। मीटिंग में किसान नेताओं व्यापारियों की नोकझोंक भी हुई।

मध्य प्रदेश से आता है 60 से 70 फीसदी जिंस
कोटा ग्रेन सीड्स एंड मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अविनाश राठी का कहना था कि मंडी में 60 से 70 फीसदी अनाज मध्यप्रदेश के व्यापारियों का आता है। वे पैक करके लाते हैं। ऐसे में उनकी तुलाई कैसे होगी।

हम नहीं होने देंगे ढेर करके नीलामी
किसान नेता जगदीश शर्मा, देवा भड़क, प्रेमशंकर सहित अन्य नेताओं ने मीटिंग में साफ कह दिया कि वे ढेर होकर माल की नीलामी नहीं होने देंगे। किसान का माल तो ट्रॉली पर ही नीलाम होगा और ट्रॉली पर ही धर्मकांटे पर तुलेगा। एक बार मोहलत दी ताे फिर दोबारा यह व्यवस्था लागू नहीं होगी।

बैठक में यह हुआ तय
1. किसानों का गेहूं अब ट्रॉली पर ही नीलाम होगा और धर्मकांटे पर ही तुलेगा।
2. बाहर से आने वाले व्यापारियों को 15 दिन की मोहलत दी गई। इस दौरान उनके बिल चेक करके ढेर कराकर नीलामी करवाई जाएगी। 15 दिन में सबको सूचित कर दिया जाएगा कि अब गेहूं गाड़ी में खुले रूप से नीलाम होगा।
3. एक ही वाहन में अलग-अलग तरह का जिंस लाने वालों की नीलामी ढेर पर ही होगी।