सोयाबीन की कीमतों में अब तेजी के आसार नहीं, मंडियों में नई फसल की आवक शुरू

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नई दिल्ली/कोटा। सरसों की नई फसल आने के बाद अब सोयाबीन की कीमतों में गिरावट का रुख बना हुआ है। इस माह की शुरुआत में सोयाबीन की कीमतों में 200 रुपये की तेजी आई थी। लेकिन अब बीते कुछ दिनों से इसके दाम 100 रुपये क्विंटल से ज्यादा गिर चुके हैं।

चालू तेल वर्ष में सोयाबीन की आवक और पेराई में पिछले तेल वर्ष की तुलना में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कारोबारी सूत्रों के अनुसार कोटा मंडी में आज करीब 150 बोरी नई सरसों की आवक हुई, जो ऊपर में 5300 रुपये किवंटल बिकी है।

ओरिगो कमोडिटीज में सीनियर मैनेजर (कमोडिटी रिसर्च) इंद्रजीत पॉल ने बताया कि पहले विदेशों में सोयाबीन फसल को ज्यादा नुकसान बताया जा रहा था। जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन और इसके तेल के दाम बढ़ने से घरेलू बाजार में भी सोयाबीन की कीमतों में तेजी आई थी। लेकिन अब ब्राजील, अमेरिका में नुकसान पहले से कम होने की खबरें आ रही हैं। जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन की कीमतें नरम पड़ी हैं।

घरेलू बाजार में सोयाबीन की भरपूर आवक हो रही है। ऐसे में देश में भी सोयाबीन के दाम बीते कुछ दिनों के दौरान 100 रुपये क्विंटल से ज्यादा गिर चुके हैं। इंदौर मंडी में इस समय सोयाबीन के दाम 5,650 रुपये प्रति क्विंटल हैं। मध्य प्रदेश के सोयाबीन कारोबारी राजेश पालीवाल कहते हैं कि अगले महीने से कुछ इलाकों में सरसों की नई आवक शुरू होने की संभावना है। ऐसे में आगे सोयाबीन की कीमतों में तेजी के आसार नहीं है। भाव 5,400 से 5,600 रुपये के दायरे में बने रहने की उम्मीद है।

सोयाबीन की आवक 25 फीसदी ज्यादा
चालू तेल वर्ष (अक्टूबर से नवंबर) में सोयाबीन की आवक और पेराई में इजाफा हुआ है। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार तेल वर्ष 2022-23 की अक्टूबर-दिसंबर अवधि में 50 लाख टन सोयाबीन की आवक हो चुकी है, जबकि पिछले तेल की समान अवधि में यह आंकड़ा 40 लाख टन था।

इस तरह चालू तेल वर्ष में सोयाबीन की आवक में 25 फीसदी इजाफा हुआ है। इस आवक के बाद कारोबारी, किसान और सोयाबीन प्लांटों के पास करीब 98 लाख टन सोयाबीन का स्टॉक बचा हुआ है। इस तेल वर्ष के लिए पुराने स्टॉक को मिलाकर सोयाबीन की कुल उपलब्धता करीब 147 लाख टन रहने का अनुमान है।

51 फीसदी बढ़ी सोयाबीन की पेराई: ज्यादा पैदावार व उपलब्धता के कारण सोयाबीन की पेराई भी खूब हो रही है। सोपा के अनुसार चालू तेल वर्ष तीन महीनों के दौरान 32.50 लाख टन सोयाबीन की पेराई हो चुकी है। पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में 21.50 लाख टन सोयाबीन की पेराई हुई थी। इस तेल वर्ष में दिसंबर तक पेराई में करीब 51 फीसदी की वृद्धि हुई है। चालू तेल वर्ष में पेराई के लिए सोयाबीन उपलब्धता 100 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले तेल वर्ष की उपलब्धता 84 लाख टन से ज्यादा है।