संत हमें सिखाते हैं जीवन जीने की कला: लोक सभा स्पीकर बिरला

187

कोटा। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि संतो के जीवन से हम भी जीवन जीने की कला सीखते हैं। हम उने मार्गदर्शन में विपरीत परिस्थितियों में बिना विचलित हुए यदि हम विश्वास और समर्पण के साथ कल्याण के पथ पर आगे बढ़ते रहें तो ईश्वर हमें स्वयं सही दिशा दिखाएंगे।

वे रविवार को जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा की ओर से आयोजित हाड़ौती हाड़ौती वृहत श्रावक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। अणुव्रत भवन में आयोजित कार्यक्रम में स्पीकर बिरला ने कहा कि साध्वी अरूणिमा जी के विचारों को जिसने भी सुना और उनमें निहित शिक्षा को ग्रहण किया, उसका जीवन अब मानव-कल्याण को समर्पित रहेगा। हम अहिंसा को अपने जीवन का अभिन्न भाग बनाएं और जो भी अर्जित करें, उसे समाज के साथ साझा करें।

समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण का हो लक्ष्यः लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को जैन दिवाकर पावन तीर्थ एवं शोध संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिरला ने कहा कि भगवान महावीर की शिक्षाओं पर आगे बढ़ते हुए जैन समाज अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लिए समर्पित भाव से कार्य करता है।

यदि हम सत्य, अहिंसा और अपरिग्रह के सिद्धांतों पर दृढ़ता से आगे बढ़ें तो एक ऐसे समतामूलक समाज की रचना करने में सफल रहेंगे जिसके केंद्र बिन्दु में सर्वहित.सर्वोपरि की भावना समाहित होगी। इस दौरान उन्होंने राकेश मुनि तथा साधवी श्यामा जी और सुदर्शना जी के दर्शन भी किए।