वन भारत साड़ी वाॅकथाॅन में उमड़ी महिलाएं, चहुंओर दिखा उल्लास-उमंग

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कोटा में मनाया गया नारी सशक्तिकरण का उत्सव

कोटा। One Bharat Sari Walkathon: कोटा में रविवार को नारी सशक्तिकरण का उत्सव मनाया गया। महिलाओं की नेतृत्वक्षमता का अभिनंदन करने के लिए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहला पर आयोजित वन भारत साड़ी वाॅकथाॅन में शामिल होने महिलाएं उमड़ पड़ीं। वाॅकथाॅन में चहुंओर उल्लास और उमंग के रंग नजर आए। हंसती-गाती, मुस्कुराती अपनी ही मस्ती में नाचती हुई महिलाएं जिधर से भी गुजरी, लोग बस उन्हें देखते ही रह गए।

वस्त्र मंत्रालय की ओर से आयोजित वन भारत साड़ी वाॅकथाॅन का हिस्सा बनने के लिए महिलाओं में जबरदस्त उत्साह देखते को मिला। हर उम्र और हर वर्ग की महिलाएं वाॅकथाॅन में शामिल होने के लिए दशहरा मैदान पहुंची। किसी के हाथ में ढोलकी थी तो कोई मंजीरे और ढफली लेकर पहुंची। किसी के गले में ढोल नजर आ रहा था तो कईयों ने सिर पर रंग-बिरंगे साफे सजा रखे थे तो कोई मुकुट धारण किए हुए थीं। सभी में एक अलग ही जोश और ऊर्जा थी।

वाॅकथाॅन किशोरपुरा थाने के सामने स्थित दशहरा मैदान के गेट नम्बर 12 से प्रारंभ होकर सीएडी सर्किल, चम्बल गार्डन रोड, ट्रेफिक पार्क, कोटा आई हाॅस्पिटल के सामने से होते हुए पुनः दशहरा मैदान पहुंची। रास्ते में पूरे समय महिलाएं नाचती-गाती हुईं चल रही थीं। महिलाओं के इस हुजुम को देखने के लिए आसपास के घरों के लोग भी बाहर निकल आए। उनके लिए भी हतप्रभ कर देने वाला यह नजारा किसी अचरज से कम नहीं था।

वाॅकथाॅन में शहर के विभिन्न महिला संगठनों, महिला क्लब्स, विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों की शिक्षिकाओं, पुलिस व अन्य विभागों की महिलाकर्मियों, महिला चिकित्सकों सहित बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। सभी ने एक नए और अनूठे आयोजन की जमकर सराहना की।

देश अब वुमन लेड डव्लपमेंट की ओर
वाॅकथाॅन को दिल्ली से वर्चुअली सम्बोधित करते हुए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि महिलाओं में अपरिमित क्षमता और सामथ्र्य है। इसी कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं को आगे लाने के सभी प्रयास कर रहे हैं। देश अब वुमन लेड डब्ल्पमेंट की ओर बढ़ रहा है। वस्त्र एवं रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने कहा कि यह वाॅकथाॅन आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर महिलाओं का अभिनंदन करने, संस्कृति को बढ़ावा देने तथा महिला बुनकरों के संबल प्रदान करने का सशक्त आयोजन है।

कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा, लाडपुरा विधायक कल्पना देवी, लोक सभा अध्यक्ष के ओएसडी राजीव दत्ता, भाजपा शहर जिलाध्यक्ष कृष्ण कुमारी सोनी देहात जिलाध्यक्ष प्रेम गोचर, पूर्व उपमहापौर सुनीता व्यास, महिला मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष अनुसुइया गोस्वामी, जिलाध्यक्ष कविता पचवारिया, वस्त्र मंत्रालय की विकास आयुक्त डा. एम. बीना समेत बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।

वन भारत साड़ी वाॅकथाॅन में महिलाओं ने स्पष्ट संदेश दिया कि आने वाला समय महिलाओं का है। महिलाओं के नेतृत्व में ही समाज और देश आगे बढ़ेगा। सामाजिक बंधनों और कुरीतियों को पीछे छोड़ महिलाएं अब भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का तत्पर हैं।

महिलाओं से जुड़े विषयों पर खुलकर बात
रैली के दौरान महिलाएं अनेक प्रकार के प्लेकाॅर्ड लेकर पहुंचीं। इन प्लेकार्ड्स पर महिलाओं से जुड़े विषयों पर खुलकर बात की गई। बेटियों को शिक्षित करने, बेटियों को स्वतंत्रता देने, बेटियों को अवसर प्रदान करने, महावरी को बीमारी नहीं बल्कि प्राकृतिक चीज मानने, पर्यावरण का संरक्षण करने समेत अनेक प्रकार के संदेश थे।

नव दुर्गा और तीन देवियों का स्वरूप
वाॅकथाॅन में अनेक महिलाएं छोटी बच्चियों को भी साड़ी पहनाकर लाई थीं। यह बच्चियां सबके आकर्षण का केंद्र बनी हुई थीं। इसके अलावा बच्चियों का एक समूह नवदुर्गा का रूप धारण करके आया था। आयोजन में तीन महिलाएं तीन देवियों के रूप में भी आई थीं।

गदा, तलवार और केसरिया ध्वज
वाॅकथाॅन के एक आकर्षण राम दरबार और केसरिया ध्वज भी रहे। वाॅकथाॅन प्रारंभ होने से पहले राम दरबार की झांकी के साथ अनेक महिलाओं ने फोटो खिंचवाई। वाॅकथाॅन में कई महिलाएं जय श्रीराम का उद्घोष करते केसरिया ध्वज को लेकर चलीं। कुछ महिलाएं गदा तो कुछ तलवार लेकर चल रही थीं। बच्चियों का एक समूह अखाड़ा प्रदर्शन भी कर रहा था।

संस्कृति के रंगों ने बांधा समां
पूरे रास्ते वाॅकथाॅन भारत की संस्कृति और परम्पराओं के रंगों में नजर आया। वाॅकथाॅन को आकर्षक बनाने के लिए कहीं मंच पर रासलीला को साकार किया गया तो कहीं कलाकारों ने राजस्थान की लोकसंस्कृति में रची-बसी प्रस्तुतियां दीं। इन प्रस्तुतियों को देख वाॅकथाॅन में शामिल महिलाएं भी झूमने-गाने लगीं।

सीखा झटपट साड़ी बांधना
कार्यक्रम में प्रख्यात ड्रेपिंग आर्टिस्ट डाॅली जैन ने झटपट साड़ी बांधने के कई विधाओं के बारे में बताया। उन्होंने साड़ी बांधते समय की जाने वाली गलतियों को सुधारने की भी जानकारी दी। वाॅकथाॅन प्रारंभ होने से पहले जुम्बा आर्टिस्ट के इशारों पर दशहरा प्रांगण में मौजूद महिलाएं जमकर थिरकीं।