वनमंत्री हेमाराम चौधरी के आश्वासन के बाद वनकर्मियों ने आंदोलन वापस लिया

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ठप हो चुकी ट्रैकिंग, मॉनिटरिंग, सर्विलांस, रेस्क्यू की वन गतिविधियां होंगी चालू

कोटा। Forest Employees Withdraw Agitation: संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर पर गत छह दिनों से चल रहा आंदोलन शनिवार को वन मंत्री हेमाराम चौधरी से वार्ता के बाद वापस ले लिया गया। जिसके बाद वन विभाग में 6 दिनों से ठप हो चुकी ट्रैकिंग, मॉनिटरिंग, सर्विलांस, रेस्क्यू की गतिविधियां रविवार से फिर चालू होने की उम्मीद बंधी है। इससे पहले वनकर्मियों का धरना शनिवार को छठे दिन भी जारी रहा। कोटा में भी अभेड़ा के गेट पर ताला लटका रहा।

दूसरी ओर, कोटा के वन विभाग कार्मिकों ने रणथंभौर का छठा गेट भी बंद कर दिया। जिससे कोटा के अभेड़ा समेत प्रदेश भर में पर्यटकों को रोका गया। छुट्टी का दिन होने से पर्यटकों की भारी आवक रही, लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा। वहीं सरकार को भी राजस्व की हानि सहनी पड़ी। धरना स्थल पर शुक्रवार को पैंथर के हमले में बच्चे की मौत होने पर कार्मिकों ने मौन रखकर श्रद्धांजलि दी।

हालांकि ट्रैकिंग, मॉनिटरिंग, सर्विलांस, रेस्क्यू समेत सभी वन गतिविधियां गत 6 दिनों से ठप्प रही। जिससे वन्यजीव भी जंगल से बाहर आने लगे। इस कारण कोटा में वाहन की चपेट में आने से एक सांभर की मौत हो गई।

आंदोलनकारी सुनीता वर्मा ने बताया कि सरकार को मांगें मानने के लिए दो माह का समय दिया है। यदि दो माह में मांगे पूरी नहीं होती है तो आंदोलन फिर शुरु कर दिया जाएगा। धरने पर सुनीता वर्मा, सीमा वर्मा, नीतू मालव, नितेश मेहरा, संजू, शिला मालव, जोया, पूर्णिमा चौहान, रेखा चौधरी, भवानी सिंह, जादौन, चित्रा सिंह, सतीश कुमार मौजूद रहे।