लोकसभा अध्यक्ष के पिता श्रीकृष्ण बिरला का 91 वर्ष की उम्र में कोरोना से निधन

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कोटा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के पिता तथा प्रख्यात समाजसेवी व सहकार नेता श्रीकृष्ण बिरला का मंगलवार रात कोरोना से निधन हो गया। वे 91 वर्ष के थे। उनकी अंतिम यात्रा बुधवार को दादाबाड़ी से सुबह 9 बजे रवाना होकर किशोरपुरा मुक्तिधाम पहुंचेगी जहां कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए अंतिम संस्कार किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह, राज्यपाल कलराज मिश्र ने शोक संवेदना जताई है। लोकसभा अध्यक्ष बिरला को पिता के अस्वस्थ होने की सूचना मिलते ही सारे कार्यक्रम निरस्त कर पिता के पास पहुंच गए। श्रीकृष्ण बिरला का भरापूरा परिवार है। जिसमें 6 पुत्र तथा तीन पुत्रियां हैं।

सहकार पुरुष के रूप थी पहचान
श्रीकृष्ण बिरला का जन्म 12 जून 1929 को कोटा जिले के कनवास में हुआ था। उनकी शिक्षा पाटनपोल स्कूल में हुई तथा 7 फ रवरी 1949 को उनका विवाह अकलेरा निवासी शकुंतला देवी के साथ हुआ। वाणिज्यिक कर विभाग में सेवाएं दी। सेवाकाल के दौरान श्रीकृष्ण बिरला कर्मचारियों के हितों के सजग सिपाही रहे। उन्होंने वर्ष 1958 से 1961 तक कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाई। कर्मचारियों के हितों के लिए संघर्ष करते हुए वर्ष 1963, 1971 व 1980 में जेल भी गए।

राजकीय सेवा में व्यस्त रहने के बाद भी उनका सामाजिक क्षेत्र से गहरा जुड़ाव रहा। वे माहेश्वरी समाज के तीन बार अध्यक्ष रहे तथा कोटा जिला माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष के रूप में लगभग 15 वर्ष तक समाज की सेवा की। कोटा में सहकार क्षेत्र को अग्रणी तथा सक्षम नेतृत्व प्रदान करते हुए सहकारिता को मजबूती प्रदान की।

वे वर्ष 1963 से कोटा कर्मचारी सहकारी समिति लि 108 आर के सचिव रहे फिर लगभग 26 वर्ष तक समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए कोटा कर्मचारी सहकारी समिति को राजस्थान में एक नई पहचान दिलाई। इसी कारण राजस्थान भर में वे सहकार पुरूष के नाम से भी जाने जाते थे।