लॉकडाउन ​बढने से उद्यमियों की मुश्किलें बढ़ीं, सरकार विशेष राहत पैकेज जारी करे

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कोटा। कोरोना की सेकेंड वेव में लॉकडाउन की अवधि बढ़ने से राजस्थान का MSME सेक्टर बंद होने के कगार पर है। अगर सरकार द्वारा तत्काल राहत नहीं दी गई तो प्रदेश में MSME सेक्टर बंद होने से लाखों श्रमिकों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा। लघु उद्योग भारती, दी एसएसआई एसोसिएशन एवं शहर के वरिष्ठ उद्यमियों ने ई पोर्टल पर वेबिनार में अपने सुझाव रखे और सरकार से विशेष राहत पैकेज मांग की मांग की।

दी एसएसआई एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंदराम मित्तल ने कहा कि 19 अप्रैल से शुरू हुआ लॉकडाउन जून तक जा पहुंचा है। ऐसे में उद्यमियों के सामने विकट समस्याएं उत्पन्न हो गई है। माल स्टॉक में तैयार है, परन्तु उसे बेचने के लिए बाजार उपलब्ध नहीं होने से तैयार माल खराब हो रहा है। साथ ही वर्किंग केपिटल की भी समस्या हो गई है। कई सेक्टर में कच्चे माल की उपलब्धता भी नहीं हो पा रही है। यदि एमएसएमई सेक्टर की ओर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो जल्द ही बंद होने की कगार पर आ जाएगा।

दी एसएसआई एसोसिएशन के अध्यक्ष जम्बू कुमार जैन ने बिजली बिलों में स्थाई शुल्क एवं फ्यूल सरचार्ज को वसूलने का विरोध करते हुए कहा कि व्यापार व उद्योग में गतिविधियां सीमित है। ऐसे में मात्र जितनी बिजली उपभोग हो रही है, उसका ही भार उद्यमियों पर डाला जाए।

उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन आधारित कई सारे उद्योग प्रदेश में संचालित हैं। जब स्थिति सामान्य होती जा रही है तो ऑक्सीजन की पाबंदी को तुरंत प्रभाव से हटाकर उद्योगो में ऑक्सीजन उपलब्ध करानी चाहिए। स्टोन इंडस्ट्रीज बंद होने से कगार पर आ चुकी है। यदि स्टोन इंडस्ट्रीज बंद होती है तो प्रदेश में हजारों श्रमिक पलायन करेंगे।

लघु उद्योग भारती के प्रदेश सचिव अचल पौद्दार ने कहा कि प्रदेश के एमएसएमई सेक्टर में उद्यमियों को संबल देने के लिए एक विशेष पैकेज जारी किया जाए, जिससे उद्योगों में प्राणवायु का संचार होगा। साथ ही सभी वित्तीय एवं सरकारी संस्थाओं द्वारा ब्याज की राशि माफ की जाए। बैंक लोन की किश्तो को भी आगे बढाया जाए।

लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष मनोज राठी एवं महासचिव अमित सिंघल ने कहा कि विक्रय में किसी भी प्रकार की गतिशीलता नहीं होने से ऑफिस एवं कर्मचारियों के वेतन सहित कई भार उद्यमियोंं पर हैं। उन्हे ब्याज व बिजली की छूट तुरंत प्रभाव से दी जाए। उन्होंने पेट्रोल व डीजल की दरों में भारी वृद्धि पर भी खेद प्रकट करते हुए कहा कि इससे उद्योगो की ट्रांसपोटेशन की लागत बढ रही है।

वरिष्ठ उद्यमी यशपाल भाटिया एवं विपिन सूद ने कहा कि रीको द्वारा लिए जाने वाले सर्विस चार्ज एवं अन्य सभी चार्ज को वर्ष 2021- 22 के लिए माफ किया जावे। ​जो उद्योग पाईप लाईन में हैं उन्हें 1 वर्ष के लिए आगे बढ़ाया जावे और इस पर किसी भी तरह की पेनल्टी नहीं लगाई जाए। दी एसएसआई एसोसिएशन के सचिव मनीष माहेश्वरी ने रीको से भूखंड स्थानांतरण करने के रजिस्ट्री चार्ज महाराष्ट्र की तर्ज पर एक साल के लिए माफ करने की अपील की।