रिलायंस ने ऐसे लिया फ्यूचर स्टोर्स का कंट्रोल अपने हाथ में

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नई दिल्ली। पिछले हफ्ते मुंबई में कुछ फ्यूचर रिटेल सुपरमार्केट (Future Group Stores) में हल्के नीले रंग के ग्रॉसरी क्रेट्स उतरते दिखे, जो भारत के सबसे बड़े रिटेलर रिलायंस के थे। ग्राहकों को सुरक्षा के लिहाज से इन सब से थोड़ा दूर रखा गया। वहीं ग्राहक ये देखकर उदास थे कि बिग बाजार के बोर्ड लगे हुए स्टोर बंद होने के कगार पर हैं और जल्द ही उन्हें रिलायंस आउटलेट की तरह रीब्रांड कर दिया जाएगा।

कुछ ऐसा ही नजारा दिखा पूरे देश में, जिसके तहत मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने फ्यूचर ग्रुप के रिटेल स्टोर्स को कब्जे में (Reliance Future Deal) ले लिया। अभी रिलायंस और ऐमजॉन (Amazon vs Reliance) के बीच चल रही कानूनी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में है। रिलायंस ने ये सब शुरू किया 25 फरवरी की रात को करीब 8 बजे, जब कंपनी का स्टाफ फ्यूचर स्टोर पर पहुंचना शुरू हुआ। फ्यूचर ग्रुप के मैनेजमेंट को भी रिलायंस के इस प्लान के बारे में नहीं पता था। स्टोर के कर्मचारी भी इधर-उधर कॉल करने लगे।

रिलायंस ने फ्यूचर की तरफ से नहीं किए गए भुगतानों का हवाला देते हुए करीब 200 बिग बाजार स्टोर का कंट्रोल अपने हाथों में ले लिया है और अभी करीब 250 फ्यूचर रिटेल आउटलेट का कंट्रोल भी अपने हाथों में लेने की योजना बना रहा है। अगर सबको एक साथ देखा जाए तो यह फ्यूचर रिटेल नेटवर्क के ताज के रत्न हैं और सभी फ्यूचर आउलेट के करीब एक तिहाई के बराबर हैं।

रिलायंस की तरफ से अचानक फ्यूचर के स्टोर्स का कंट्रोल अपने हाथ में लेने को तमाम विशेषज्ञ ऐमजॉन के आखिरी वार मान रहे हैं। यानी वह मान रहे हैं कि अब ऐमजॉन के हाथ में कुछ नहीं बचा है और रिलायंस ने स्टोर्स को अपने हाथ में ले लिया है। यह सब भी तब हुआ है, जब कई कानूनी लड़ाइयां ई-कॉमर्स दिग्गज ऐमजॉन जीत चुका है और रिलायंस-फ्यूचर डील को ब्लॉक करवा दिया है। ऐमजॉन के एक करीबी सूत्र ने कहा कि अब ऐमजॉन लड़ेगा किसके लिए, दुकानें तो गायब हो गईं।

ऐमजॉन ने हल्के में ले लिया था रिलायंस को
जब से रिलायंस-फ्यूचर की डील हुई है, तब से ऐमजॉन का रुख काफी सख्त रहा है, लेकिन गुरुवार को यानी रिलायंस के कदम से करीब 6 दिन बाद ऐमजॉन ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस विवाद को बातचीत से सुलझाने का प्रस्ताव रखा। फ्यूचर ग्रुप ने कंपनी के प्रस्ताव को मान भी लिया है। ऐमजॉन के वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा है कि ‘लोगों ने दुकानों को कब्जे में ले लिया है… चलिए कम से कम बातचीत ही कर ली जाए।’ जल्द ही कंपनियों के बीच बातचीत शुरू हो सकती है। बातचीत का नजीता जो भी निकले लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐमजॉन ने रिलायंस को हल्के में ले लिया था और उसे अंदाजा भी नहीं था कि ऐसा कुछ हो सकता है।