रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति कमेटी की बैठक शुरू, रेपो रेट स्थिर रहने की उम्मीद

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नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक नीति कमेटी (एमपीसी) की बैठक आज शुरू हो गई है, जो आठ दिसंबर तक चलेगी। आठ दिसंबर की सुबह रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास रेपो दरों पर अपने निर्णय का खुलासा कर सकते हैं। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि अर्थव्यवस्था के बेहतर स्थिति में होने के कारण इस बात की संभावना बहुत कम है कि रिजर्व बैंक रेपो ब्याज दरों में वृद्धि करे।

खुदरा महंगाई पर लगाम लगाने के लिए रिजर्व बैंक ने लगातार रेपो दरों में वृद्धि की। इस समय यह दर 6.5 प्रतिशत पर है, जिसे काफी ऊंचा माना जाता है। रेपो रेट में वृद्धि का सीधा असर आम कर्ज उपभोक्ताओं पर पड़ा, क्योंकि रेपो दरों में वृद्धि के कारण बैंकों ने कर्ज की ब्याज दरें बढ़ा दीं।

इससे आम कर्ज उपभोक्ताओं की ईएमआई बढ़ गई और हर महीने उन्हें दो से चार हजार रुपये तक अतिरिक्त ब्याज चुकाना पड़ रहा है। इस मोर्चे पर इस समय बेहतर खबर यही है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अब रेपो दरों में वृद्धि न करने का उपाय जारी रख सकता है। यानी फिलहाल कर्ज की दरों और ईएमआई में ज्यादा वृद्धि होने की संभावना नहीं है।

चूंकि, महंगाई अभी भी रिजर्व बैंक के आदर्श स्थिति के अंदर नहीं है और इससे आम उपभोक्ताओं पर असर पड़ रहा है, बैंक रेपो दरों को फिलहाल बरकरार रखने का निर्णय कर सकता है। इसके नीचे आने का अनुमान अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के आसपास ही हो सकता है। यानी तब तक आम कर्ज उपभोक्ताओं को बढ़े हुए दर पर ईएमआई चुकाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।

होम लोन पर और दबाव नहीं: पंजाब हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के सीईओ गिरीश कौसगी ने अमर उजाला से कहा कि रेपो दरों में और ज्यादा वृद्धि होने की कोई संभावना नहीं है। चूंकि, अर्थव्यवस्था के अन्य संकेतक लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, आने वाले समय में रिजर्व बैंक इसे कम करने का कदम उठा सकता है। इससे आम उपभोक्ताओं को कर्ज चुकाने में राहत मिल सकती है।