जयपुर। एसओजी ने तीन क्रेडिट सोसायटियों आदर्श, संजीवनी व नवजीवन क्रेडिट सोसायटी के खिलाफ चार्जशीट पेश की है। करीब 17 हजार करोड़ का घोटाला करने वाली इन 3 क्रेडिट सोसायटियों के खिलाफ दायर कुल 96 हजार पेज की चार्जशीट खंगाली तो पता चला कि कैसे जनता का पैसा हड़पने के लिए चालें चलीं।
आदर्श क्रेडिट सोसायटी ने 28 राज्यों में 806 शाखाएं खोलीं, इनमें से 309 राजस्थान में थीं। लोगों को झांसा दिया कि उनकी निवेश की हुई रकम कंपनियों व लोगों को 22% की ऊंची ब्याज दर पर लोन के रूप में दिया जा रहा है। इस झांसे में आकर 8 साल में 20 लाख लोगों ने 14800 करोड़ रुपए का निवेश सोसायटी में किया।
सोसायटी के संचालकों ने रिश्तेदारों के नाम पर ही 45 फर्जी कंपनियां खोलीं और सोसायटी में निवेश की गई रकम में से 12414 करोड़ रुपए इन्हीं फर्जी कंपनियों को बतौर लोन देना दर्शा दिया। सोसायटी में लगे लोगों के पैसे से संचालकों ने पूरे देश में संपत्ति खरीदी।
आदर्श के निदेशकों की तनख्वाह मुकेश अंबानी से ज्यादा
देश के सबसे बड़े कॉरपोरेट समूह माने जाने वाले रिलायंस ग्रुप के प्रमुख मुकेश अंबानी ने अपनी सालाना तनख्वाह 15 करोड़ फिक्स कर रखी है। यानी महीने के 1.25 करोड़ रुपए। उनके बोर्ड में वर्ष 2018-19 में सबसे ज्यादा तनख्वाह पाने वाले निदेशकों को भी सालाना 20.75 करोड़ रुपए मिले।
जबकि आदर्श क्रेडिट सोसायटी में काम कर रही संचालक मुकेश मोदी की पुत्री प्रियंका को तीन साल में 75 करोड़ रुपए बतौर तनख्वाह दिए गए। यानी प्रतिमाह 2 करोड़ रुपए। वहीं मुकेश मोदी के बेटों व अन्य निदेशकों को तीन साल में बतौर तनख्वाह 270 करोड़ रुपए दिए गए। यही नहीं, संचालक की पत्नी मीनाक्षी को तीन साल में लोन के कस्टमर लाने के नाम पर बतौर कमीशन 720 करोड़ का पेमेंट किया गया।
देश का सबसे बड़ा सहकारी क्राइम
आदर्श क्रेडिट साेसायटी घोटाले में 20 लाख 20 लाख निवेशकों के साथ धोखाधड़ी हुई है। मुझे लगता है कि यह देश का सबसे बड़ा कोपरेटिव क्राइम है। चिंताजनक यह है कि संचालक, उनकी पत्नी और बेटी के खातों में ही बतौर वेतन और कमीशन के 790 करोड़ जमा करा लिए गए। 45 फर्जी कंपनियां बनाकर घाेटाला किया गया। – सत्यपाल मिड्ढा, एसओजी की अपराध शाखा के प्रमुख
आदर्श क्रेडिट सोसायटी : 20 लाख निवेशक
14682 करोड़ का घोटाला
संजीवनी क्रेडिट सोसायटी : 2 लाख निवेशक
1100 करोड़ का घोटाला
नवजीवन क्रेडिट सोसायटी : 1.9 लाख निवेशक
500 करोड़ का घोटाला