राजस्थान का हेरिटेज आर्किटेक्चर आज के युवा आर्किटेक्ट को समझने की जरूरत

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जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान का हेरिटेज आर्किटेक्चर समझ से परे है। राजस्थान में एक से एक किले हैं। आश्चर्य है कि इतनी ऊंचाई पर कैसे बने होंगे। राजस्थान में हर जगह कोई न कोई आर्किटेक्ट से सम्बंधित कलाएं मिलेगी। राजस्थान का हेरिटेज आर्किटेक्चर आज के युवा आर्किटेक्ट के लिए समझने और सीखने का विषय है।

सीएम गहलोत ने जयपुर में आर्किटेक्चर सम्मेलन में यह बात कही। सीएम गहलोत ने कहा कि गांव में बड़े रूप में मास्टर प्लान के साथ काम करने की आवश्यकता है। 20 साल पहले जब वो मुख्यमंत्री थे। तब उन्होंने गांव के मास्टर प्लान का सपना देखा था। सीएम ने कहा कि गांवों में मास्टर प्लान के आधार पर ही विकास होना चाहिए। सीएम ने कहा कि मुंबई से मेरी बेटी का फोन आया कि आपको कार्यक्रम में जाना चाहिए।

मेरी बेटी को नहीं मिला एडमिशन
उन्होंने कहा कि जब मैं केंद्रीय मंत्री था तो मेरी बेटी को राजस्थान में आर्किटेक्ट के लिए एडमिशन नहीं दिया गया। मुझे कहा गया कि मैं दिल्ली में रहता हूं। मैंने लाख समझाने की कोशिश की, कि मेरा घर जोधपुर में है निर्वाचन क्षेत्र जोधपुर में है मंत्री होने के नाते दिल्ली में रहता हूं, लेकिन वो नहीं माने। संयोग से 2 साल बाद में मुख्यमंत्री बन गया। तब मैंने सबके लिए द्वार खोल दिए।

बिल्डिंग बायलॉज का सरलीकरण किया
कार्यक्रम में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि हमारी सरकार के प्रयास से ही यूनेस्को ने जयपुर को हेरिटेज सिटी घोषित किया। राजस्थान हेरिटेज और आधुनिक स्थापत्यकला का प्रदेश है. आर्किटेक्ट केवल नक्शा बनाकर इतिश्री ना करें , वो विजन के साथ प्लान भी बनाएं। धारीवाल ने कहा कि हमारी सरकार ने बिल्डिंग बायलॉज का सरलीकरण किया है। सीएम गहलोत ने 223 शहरों के साथ गांवों का भी मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। टाउन प्लानर को लोकल मैटेरियल काम में लेना चाहिए. इससे लागत कम आएगी, प्रचार प्रसार भी होगा।