यात्री अब कम किराए में AC-3 कोच में कर सकेंगे सफर

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    नई दिल्ली। कम यात्रा किराया में वातानुकूलित कोच में भी यात्री सफर कर सकेंगे। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रख नई तरह की वातानुकूलित श्रेणी की (एसी-थ्री) कोच को डिजाइन किया है। इस कोच में सीटों की संख्या अधिक होगी। यानी 72 से ज्यादा बर्थ इस नए डिजाइन की प्रोटोटाइप कोच में होगी। खास बात यह है कि इस कोच में यात्रा करने का किराया भी कम होगा।

    नई डिजाइन की कोच 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से भी चलने में सक्षम होंगी। इस कोच को दिल्ली-कोलकाता और दिल्ली-मुंबई के बीच चलने वाली ट्रेनों में जोड़कर चलाया जाएगा। रेलवे बोर्ड के सीईओ विनोद कुमार यादव ने बताया कि इस तरह का प्रोटो टाइप कोच बनकर तैयार हो गया है। इसका ट्रायल किया जा रहा है। अगले साल इस तरह के कोच वाली ट्रेन चलनी शुरू हो जाएंगी।

    यादव ने स्पष्ट रूप से कहा कि नई कोच आने या ट्रेनों की रफ्तार बढने से स्लीपर कोच रेलवे की ट्रैक से नहीं हटेंगी। इसके साथ ही नई एसी-थ्री कोच का किराया स्लीपर क्लास से अधिक और वर्तमान में चल रही एसी-3 कोच के किराए के बीच होगा। बता दें कि इस तरह की गरीब रथ ट्रेन भी चलाई गई थी, जिससे बाद में धीरे-धीरे ट्रैक से हटाया जा रहा है। 

    ट्रेनों की स्पीड 130 किमी प्रतिघंटा
    दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कोलकाता के बीच ट्रेन की रफ्तार बढ़ा दी गई है। इस ट्रैक पर अब ट्रेनें 110 की जगह 130 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही है। यादव ने बताया कि दूसरे फेज में 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार तक गति बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि ट्रेनों की गति बढने से तेज हवा की वजह से स्लीपर कोच में दिक्कत हो सकती है। इसके लिए नया एसी कोच तैयार किया गया है। 

    गुड शेड नीति पर रेलवे कर रहा है काम
    व्यापार को बढ़ावा देने के लिए रेलवे ने गुड शेड नीति की घोषणा की है। इसके तहत छोटे-छोटे स्टेशनों के समीप भी माल गोदाम बनाया जाएगा। इसे पीपीपी के तहत वकिसित किया जाएगा। कोई भी निजी कंपनी इस तरह के गोदाम तैयार करा सकेगी।

    छोटे स्टेशन पर पार्सल की आवश्यकता को ध्यान में रख इस तरह का निर्णय लिया गया है। जो भी कंपनी कमाई में से ज्यादा हिस्सा रेलवे को देगी उसे ही अनुमति दी जाएगी। यानी सबसे जयादा टेंडर देने वालों को इस योजना में शामिल किया जाएगा। मालवाहन को बढ़ावा देने के लिए रेलवे ने बिजनेस पोर्टल भी शुरू किया है। कोविड के दौरान कुल 6150 पार्सल ट्रेन चली। इससे 169 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ। 

    त्योहारों तक ग्यारह सौ ट्रेन होंगी पटरी पर
    अनलॉक-5 में ट्रेन पटरी पर लौटने लगी है। आगामी त्योहार तक कुल 1100 ससे अधिक स्पेशल ट्रेन पटरी पर उतर जाएंगी। इनमें 682 स्पेशल ट्रेन चल रही हे। त्योहारों को देखते हुए  416 ट्रेन अगले सप्ताह से नवंबर तक चलने लगेंगी