मौसम अनुकूल नहीं होने से चने की बिजाई पिछले साल से 9.04 लाख हेक्टेयर कम

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नई दिल्ली। महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं राजस्थान जैसे अग्रणी उत्पादक राज्यों में चना की बिजाई गत वर्ष से काफी पिछले चल रही है जिससे राष्ट्रीय स्तर पर भी उत्पादन क्षेत्र बहुत घट गया है।

हालांकि चना का घरेलू बाजार भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊंचा चल रहा है जिससे किसानों को इसका बिजाई क्षेत्र बढ़ाने का प्रोत्साहन मिलना चाहिए था लेकिन मौसम की हालत पूरी तरह अनुकूल नहीं होने से इसका रकबा घट गया है। चना की बिजाई अभी जारी है।

केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि चालू रबी सीजन के दौरान 8 दिसम्बर 2023 तक अखिल भारतीय स्तर पर चना का उत्पादन क्षेत्र 81.87 लाख हेक्टेयर पर ही पहुंच सका जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 90.91 लाख हेक्टेयर से 9.04 लाख हेक्टेयर कम है।

पिछले वर्ष की तुलना में चालू रबी सीजन के दौरान चना का उत्पादन क्षेत्र कर्नाटक में 11.49 लाख हेक्टेयर से गिरकर 9.05 लाख हेक्टेयर, महारष्ट्र में 20.09 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 16.33 लाख हेक्टेयर तथा राजस्थान में 20.75 लाख हेक्टेयर से घटकर 17.79 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया। इसी तरह चना का रकबा छत्तीसगढ़ में 2.06 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 1.93 लाख हेक्टेयर तथा तेलंगाना में 1.08 लाख हेक्टेयर से गिरकर 78 हजार हेक्टेयर पर अटक गया।

दूसरी ओर चना का उत्पादन क्षेत्र मध्य प्रदेश में 19.96 लाख हेक्टेयर से उछलकर 21.50 लाख हेक्टेयर तथा उत्तर प्रदेश में 5.97 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 6.70 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। देश के अन्य राज्यों में चना का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष के 9.51 लाख हेक्टेयर से घटकर 7.79 लाख हेक्टेयर रह गया। इन राज्यों में गुजरात, बिहार, झारखंड एवं आंध्र प्रदेश जैसे प्रान्त भी शामिल हैं।

चना के बिजाई क्षेत्र में बहुत बड़ा अंतर पैदा हो गया है जबकि धीरे-धीरे बिजाई का सीजन अंतिम चरण की ओर बढ़ता जा रहा है। आगे इस अंतर को पाटना आसान नहीं होगा। आगामी महीनों के दौरान मौसम की हालत भी फसल के लिए प्रतिकूल रहने की आशंका है।