बैंकों ने किया कर्ज महंगा, अधिक देनी होगी EMI

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नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा नीतिगत दरों में वृद्धि के 24 घंटे के भीतर बैंकों ने ब्याज दरों को बढ़ाना शुरू कर दिया है, जिसकी वजह से ऑटो, होम और बिजनस लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी।

एसबीआई, आईसीआईसीआई और एचडीएफसी बैंक ने आरबीआई द्वारा रीपे रेट बढ़ाने का पूर्वानुमान लगाते हुए फंड आधारित कर्ज दर -बेंचमार्क मार्जिनल लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में वृद्धि की घोषणा कर दी थी। रीपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर केंद्रीय बैंक रात भर के लिए (ओवरनाइट) कर्ज बैंकों को देता है।

मौद्रिक नीति समिति की दूसरी द्विमासिक समीक्षा बैठक के बाद रीपो रेट में और रीवर्स रीपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की घोषणा की गई, जबकि सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रिवर्स रीपो रेट अब 6 फीसदी हो गया है तो रीपो रोट बढ़कर 6.25 फीसदी हो गया है।

बड़े बैंकों की तरह इंडियन बैंक और करूर वैश्य बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज को विभिन्न अवधि के लिए एमसीएलआर में 10 बेसिस पॉइंट वृद्धि की जानकारी दी है। सरकारी इंडियन बैंक ने 3 महीने से 5 साल तक के कर्ज के लिए एमसीएलआर में 10 बेसिस पॉइंट का इजाफा किया है। करूर बैंक ने छह महीने से 1 साल तक के कर्ज पर इतनी ही वृद्धि की है।

बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने भी कर्ज दर में इजाफे का संकेत दिया है। बैंक के एमडी और सीईओ आरपी मराठे ने एक बयान में कहा कि रीपो रेट में बदलाव के बाद कर्ज दरों में वृद्धि हो सकती है, जिसकी घोषणा कुछ बैंक पहले ही कर चुके हैं।

आरबीआई ने 2018-19 की पहली छमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को संशोधित कर 4.8-4.9 प्रतिशत और दूसरी छमाही के लिए 4.7 प्रतिशत किया। वित्त वर्ष 2019 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान 7.4 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। सभी एमपीसी सदस्यों ने दरों में वृद्धि के पक्ष में वोट किया।