बजट पर चिंतन: घोषणाएं कैसे पूरी होंगी, बजट में नहीं किया फंड का कोई प्रावधान

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कोटा। कोटा के व्यापार उद्योग जगत एवं कर सलाहकारों ने केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत 2021-22 के बजट पर आज एक चिंतन बैठक का आयोजन पुरुषार्थ भवन पर किया। बैठक को संबोधित करते हुए कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने बताया कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट पूर्णतया कोरोना पर आधारित है। राज्य के बजट में सिर्फ किसानों एवं हेल्थ यूथ को ही प्रमोट किया गया है। जबकि, कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण व्यापार एवं उद्योग जगत पूरी तरह चौपट हो गया। बजट में किसी भी प्रकार की कोई राहत नहीं दी गई है। न ही इनको पटरी पर लाने की कोई योजना इस बजट में बनाई गई।

कर सलाहकार पवन लालपुरिया ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बजट में जो घोषणायें की गई हैं उनके लिए फंड का कोई प्रावधान नहीं बताया गया है। जीएसटी के पहले के कई तरह के टैक्सों के मामले जो लंम्बित चल रहे हैं, उसके लिए जो नई स्कीम लाई गई है वह स्वागत योग्य है। कोटा रीजन ट्रैक्टर डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल मूंदड़ा ने कहा कि बजट दिखाया अच्छा गया है। एमएसएमई स्कीम का फायदा उद्यमियों को मिलेगा।

बजट पूर्णतया कृषि एवं हेल्थ एवं यूथ पर ही छाया रहा। चंबल हॉस्टल एसोसिएशन के महासचिव अशोक लड्ढा ने कहा कि हॉस्टल व्यवसायियों को इस बजट में कोई राहत नहीं दी गई है। पूरा हॉस्टल व्यवसाय हताश है। और अब लेबर सेस के नोटिस भी लाखों की तादाद में हॉस्टल व्यवसायियों को मिल रहे हैं। इससे हमारा व्यवसाय पूरी तरह से चौपट होने की कगार पर है। कोटा डिस्ट्रिक्ट सेंटर हॉस्टल एसोसिएशन के महासचिव अनिल अग्रवाल ने कहा कि बजट में हेल्थ एवं किसानों के लिए जो घोषणाएं हुई है, वह एक अच्छा प्रयास है।

दी एसएसआई एसोसिएशन के उपाध्यक्ष दीपक मेहता ने बताया कि कोरोना काल में लॉकडाउन के तहत जिस प्रकार व्यवसायियों को राहत दी जानी चाहिए थी वह बजट में बिल्कुल भी नहीं दी गई है। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजकुमार जैन ने कहा बजट में राज्य में नये औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना से नए उद्योग पनपेंगे। एसोसिएशन के निर्वाचित अध्यक्ष जम्बु कुमार जैन ने कहा कि बजट में लघु उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए 10 हजार नए उद्योग स्थापित करने की घोषणा की गई है। साथ ही 50 करोड तक के ब्याज में सब्सिडी की घोषणा सराहनीय है।

एसोसिएशन के सचिव ईशांत अरोड़ा ने कहा कि बजट में आमजन को बिल्कुल भी राहत नहीं दी गई है। कुल मिलाकर इस बजट पर चिंतन बैठक में यही निष्कर्ष निकला कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जो बजट प्रस्तुत किया गया है वह सिर्फ कोरोना को लेकर हेल्थ पर ही ज्यादा फोकस किया गया है व्यापार उद्योग जगत के लिए बजट में ना तो कोई नया टैक्स लगाया गया ना ही कोई राहत दी गई। कुल मिलाकर यह दोनों बजट औसत दर्जे का बजट है।