पूरी दुनिया में सिर्फ भारत का ही धनिया बिके, सभी का ऐसा प्रयास हो : बिरला

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कोटा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि पूरी दुनिया में सिर्फ भारत का ही धनिया चले। इस बात का किसानों, व्यापारियों और निर्यातकों को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने राजस्थान में लगातार घट रहे धनिए के रकबे पर चिंता जताते हुए कहा कि इसके लिए किसान, व्यापारी, कृषि वैज्ञानिक मिलकर कृषि में नवाचार एवं नई तकनीक का उपयोग करें। उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाएं। किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास भी तेज करें।

लोकसभा अध्यक्ष रविवार को बूंदी रोड स्थित एक रिसोर्ट में राष्ट्रीय धनिया सेमिनार को मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, भारतीय मसालों की गुणवत्ता व वैरायटी सबसे बेहतर है। इसलिए मसाले दुनियाभर में निर्यात हो रहे हैं। किसान, व्यवसायी, निर्यातक एवं वैज्ञानिक मिलकर प्रयास करें कि भारत धनिया का प्रमुख निर्यातक केंद्र बने। उन्होंने सांसदों से आह्वान किया कि देश के सांसद व्यापक कार्ययोजना बनाकर किसानों को नई तकनीक से जोडऩे की पहल करें। जिससे उनकी आय बढ़ाने में सफलता मिल सके। सेमिनार का आयोजन अखिल भारतीय ट्रेडर्स एवं खाद्य पदार्थ कन्वेसिंग एजेंट एसोसिएशन की ओर से किया गया था ।

वैज्ञानिक रिसर्च किसानों तक पहुंचाएं: लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में जलवायु, बिजली, पानी के संसाधन अलग-अलग हैं, हाड़ौती इस मामले में बहुत समृद्ध है। इसलिए कोटा व रामगंजमंडी के धनिए की खुशबू देश-विदेश तक फैली है। कोटा कृषि विश्वविद्यालय व निजी विश्वविद्यालय के साथ व्यवसायी, निर्यातक एवं कृषि वैज्ञानिक मिलकर एक राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित करें। जिसमें 5-5 विद्यार्थियों को एक साल के लिए किसानों के साथ जोडऩे का लक्ष्य हो। वैज्ञानिक रिसर्च कर बताएं कि किसानों को कब, कैसे और कौनसी पैदावार करनी है।

गांवों में ‘कृषक मित्र’ बनाकर पलायन रोकें: उन्होंने कहा कि गांवों में ‘कृषक मित्र’ तैयार करने की योजना बनाएं। इससे गांवों के शिक्षित युवाओं का पलायन रुकेगा। गांवों में छोटे-छोटे क्लस्टर बनाए जाएं। उनमें शिक्षित युवा फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाएं। खाद्य पदार्थ कन्वेसिंग एजेंट एसोसिएशन, कोटा के अध्यक्ष कैलाशचंद गुप्ता ने कहा कि महामारी के बाद एशिया की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडी कोटा में धनिया कारोबार का सूर्योदय हुआ है।

उत्पाद में वैल्यू एडिशन करें: धनिया निर्यातक पीसीके महेश्वरन ने कहा कि राजस्थान में धनिए का रकबा एक चौथाई रह गया है। फिर भी कोटा इसका प्रमुख केंद्र है। वैल्यू एडिशन करके व्यापार की नीति में बदलाव कर सकते हैं। नई कृषि नीति से कॉपोरेट बिक्री केंद्र खुलेंगे। गांवों तक हम भी अपने केंद्र खोलें। सेमिनार में एसोसिएशन के संरक्षक राधेश्याम विजयवर्गीय, अध्यक्ष कैलाशचंद दलाल, सदस्य शिवकुमार जैन, हेमंत जैन ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को अभिनंदन पत्र भेंटकर सम्मान किया गया। सेमिनार में धनिया उत्पादन, प्रोसेसिंग, निर्यात, पूर्वानुमान, गुणवत्ता और विभिन्न राज्यों की धनिया पैदावार पर पैनल चर्चा की गई।