पीएम मोदी की क्लास, बच्चों को समझाया सपनों का मतलब

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में बच्चों, शिक्षकों और पैरंट्स की चिंताओं पर चर्चा की। कार्यक्रम में पीएम मोदी का शिक्षक, दार्शनिक, कवि से लेकर बहुत हल्का-फुल्का अंदाज भी दिखा। उन्होंने ऑनलाइन गेम्स से लेकर सोशल मीडिया और परीक्षा में नंबरों पर टिप्स दिए। पीएम ने कहा कि तकनीक और आधुनिकता के साथ जीवन में लक्ष्य और सपनों पर चर्चा की।

पीएम बोले, ‘PUBG खेलता है क्या बच्चा’
कार्यक्रम में एक मां ने पूछा कि मेरा बच्चा इन दिनों ऑनलाइन गेम्स काफी खेलता है। मैं उसके मार्क्स और पढ़ाई को लेकर चिंतित हूं। पीएम ने बहुत सहज अंदाज में मां से पूछा, ‘कि क्या PUBG खेलता है या फिर कोई और ञनलाइन गेम।’ पीएम ने पैरंट्स से कहा, ‘इन दिनों तकनीक के कारण बच्चों के पास सूचनाएं पहुंच सकती हैं।

पैरंट्स को चाहिए कि बच्चों को तकनीक और ज्ञान से जोड़ें। बच्चों से पूछें कि नेट पर देखर पूछिए कि नगालैंड में कौन सा जानवर मिलता है, कहां बारिश के बाद क्या परिस्थितियां हैं? ऐसे सवालों के जरिए बच्चे की दिलचस्पी तकनीक और विषयों से जोड़ें।’

जीवन में नंबर सब कुछ नहीं
पीएम का कार्यक्रम में कवि का अंदाज भी दिखा। परीक्षा में नंबरों को लेकर पूछे सवाल पर उन्होंने कहा कि मशहूर कविता है, ‘चंद खिलौनों के खो जाने से बचपन नहीं मरा करता है… परीक्षा जीवन का अंग हैं और नंबर भी महत्वपूर्ण हैं, लेकिन जीवन में नंबर सब कुछ नहीं होते।

कुछ पैरंट्स इसी तनाव में रहते हैं कि उनका बच्चा कितना अच्छा कर रहा है। मैं अभिभावकों से भी अपील करता हूं कि जो हम नहीं कर सके वह मेरा बच्चा करे जैसी उम्मीद नहीं रखें। हर बच्चे के अपने सपने होते हैं और अपनी योग्यता होती है।’

कोड वर्ड में समझाया जीवन का लक्ष्य
पीएम ने जीवन के दिलचस्प किस्से को याद करते हुए बताया कि पहले मैं कुछ युवाओं से पूछता था क्या कर रहे हो? उनका जवाब होता था CA कर रहा हूं। जब मैंने थोड़ी जांच-पड़ताल की तो पता चला सीए का मतलब है कुछ नहीं कर रहा हूं।

पीएम ने कहा, ‘यह हंसी-मजाक की बात है, लेकिन जीवन में एक लक्ष्य होना चाहिए। बड़े लक्ष्य पर पहुंचने से पहले छोटे लक्ष्य तय करें और उन पर विचार करें कि कहां तक पहुंचे, नहीं पहुंचे तो क्या कमी रह गई।’