पंचवर्षीय योजना खत्म, 3 साल का ऐक्शन प्लान लाएगी सरकार

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नई दिल्ली ।नरेंद्र मोदी सरकार देश के समग्र विकास और ग्रोथ के लिए तैयार हो रही है। इसके लिए एक ऐक्शन प्लान बनाया गया है। इसे नीति आयोग ने राज्यों और केंद्र सरकार के मंत्रालयों के साथ चर्चा के बाद तैयार किया है। इस प्लान को आयोग की गवर्निंग काउंसिल के सामने रविवार को पेश किया जाएगा, जिसके बाद सरकार इस पर अमल शुरू करेगी। यह जानकारी सरकारी अधिकारियों ने दी है।

नीति आयोग के चेयरमैन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मीटिंग की अध्यक्षता करेंगे। यह मीटिंग दो साल के बाद हो रही है। गवर्निंग काउंसिल की पहली मीटिंग 8 फरवरी 2015 को हुई थी। इस काउंसिल में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। इसमें सरकार के 15 साल के विजन डॉक्युमेंट और 7 साल की डिवेलपमेंट स्ट्रैटेजी पर भी चर्चा होगी, जिसे आयोग ने विजन को हासिल करने के लिए बनाया है।

पहले की पंचवर्षीय योजनाएं जेनेरिक होती थीं और उनका दायरा व्यापक होता था। वहीं, तीन साल के ऐक्शन प्लान में सभी सेक्टर्स में प्रायॉरिटी एरिया पर फोकस होगा और टारगेट हासिल करने की समयसीमा तय की जाएगी। यह जानकारी एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने दी। उन्होंने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया कि इस प्लान में सरकार के खर्च की जानकारी होगी होगी।

उन्होंने बताया, ‘जमीनी स्तर पर बदलाव के लिए ऐसे ही टारगेटेड अप्रोच की जरूरत है क्योंकि मोदी सरकार अब 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही है, जिसमें सिर्फ दो साल का ही समय बचा है।’ हाइ लेवल मीटिंग में अग्रीकल्चर सेक्टर रिफॉर्म्स पर भी बात हो सकती है। इसमें इस पर भी चर्चा होगी कि राज्य सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए केंद्र के साथ किस तरह मिलकर काम कर सकते हैं।

माना जा रहा है कि मीटिंग में नीति आयोग के वाइस चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया राज्यों को पिछले दो साल में की गई पहल की जानकारी देंगे। आयोग ने नतीजा आधारित निगरानी व्यवस्था शुरू की है। यह स्पष्ट नहीं है कि मीटिंग में आयोग गरीबी पर अपनी रिपोर्ट पेश करेगा या नहीं। हालांकि, दो साल पहले गवर्निंग काउंसिल की पहली मीटिंग में गरीबी पर एक टास्क फोर्स बनाया गया था। सरकार ने 1 अप्रैल से पंचवर्षीय योजना बंद कर दी है।