देश में हुए बड़े-बड़े घोटाले पत्रकार अर्णब गोस्वामी ने ही खोले हैं, जानिए

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मुंबई। जो लोग 2008 के बाद से अर्णब गोस्वामी की देश को समर्पित उत्कृष्ट सेवाओं को नहीं जानते, उनके लिए अर्णब की मृत्यु भी कोई खास मायने नहीं रखेगी।पिछले एक दशक में हुए लगभग सारे घोटाले, गबन, साम्प्रदायिक षड्यंत्र अर्णब ने ही खोले हैं। 2014 में राष्ट्रवादी सत्ता में पहुंचा, उसके लिए अर्णब द्वारा भ्रष्टाचार के विरोध में चलाई जा रही मुहिम एक हद तक ज़िम्मेदार है। आदर्श घोटाला, जिसकी वजह से महाराष्ट्र में बड़े नौकरशाह,राजनीतिज्ञों के सिंहासन डोल गए थे,अर्णब द्वारा एक्सपोज़ किया गया था ।

आपको याद तो नहीं होगा,नीरा राडिया टेप कांड,जिससे पता चलता था कि बरखादत्त और राजदीप सरदेसाई जैसे लोग लॉबिंग करके केंद्र सरकार में मंत्रियों के पद डिसाइड करते थे,बल्कि कोल ब्लॉक तक का आबंटन करते थे इस नेक्सस का रहस्योद्घाटन भी अर्णब ने ही किया था। 26/11 के मुम्बई के स्थानीय मददगारों के नाम अर्णब ही जनता के सामने लाया था।

चिदम्बरम को जेल भिजवाने में अर्णब द्वारा इकट्ठे किये गए सुबूत ही काम आए थे।अर्णब के प्रयासों का ही फल था कि केंद्र सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट ऑपरेशन करने के लिए मजबूर हुई थी।पालघर और सुशांत सिंह राजपूत की हत्या पर देश को हिलाने वाला अर्णब ही था।

अर्णब का ‘सीन’ से हट जाना,एक देशभक्त पत्रकार का खत्म हो जाना होगा।महाराष्ट्र राज्य देश का हिस्सा है, इसे बचाइए, 356 लगाइये, शायद अर्णब का अस्तित्व बच जाए। एक मुम्बई के मंत्री का स्टिंग में दिया गया बयान याद रखिये “अर्णब आत्महत्या कर लेगा।”

अर्णव को फंसाने के लिए चलाया ‘ऑपरेशन अर्णव
शरद पंवार और अनिल देशमुख ने मिलकर अर्णव से बदला लेने के लिए ऑपरेशन अर्णव नाम का चक्रव्यू रचा। मुंबई पुलिस के 40अफसरों की टीम बनाई। इन अधिकारियों को पिछले कई महीने से राज्य के दूसरे सारे कामकाज छोड़ कर सिर्फ अर्नव गोस्वामी को फंसाने के लिए लगाया गया था।

इन अधिकारियों ने अर्णव गोस्वामी के ऑफिस की सारी खरीदारी देखी बैलेंस शीट से लेकर कर्मचारियों की सैलरी दीपावली बोनस यहां तक कि झाड़ू, टिशू पेपर, सेनेटाइजर की खरीदी का बिल सब कुछ चेक किया और जब कुछ भी गड़बड़ी नहीं मिला। तब उन्होंने 2 साल पहले शिवसेना के गृह मंत्री के द्वारा ही क्लोजर रिपोर्ट फाइल किए हुए अवन्य नायक आत्महत्या केस में अर्नव गोस्वामी को फांसने की पूरी प्लानिंग की।

उसके लिए शरद पवार ने अन्वय के परिवार को बुलाया और उन्हें पैसों का लालच देकर कहा तुम एक एप्लीकेशन मुझे दो कि तुम अवन्य और उनकी मां की आत्महत्या के केस को खुलवाना चाहती हो। साथ ही एक फर्जी सुसाइड नोट भी बनवाकर लिया। वहीं से अर्णब के बुरे दिन शुरू हुए। अर्नब उस गुनाह की सजा भुगत रहा है, जो उसने किया ही नहीं।

रिपब्लिक टीवी ने 90% पेमेंट दे दिया था।
रिपब्लिक टीवी ने 90% पेमेंट दे दिया था। सिर्फ 10% बकाया था। वह भी इसलिए कि कॉन्ट्रेक्ट की शर्तों के मुताबिक काम पूरा नहीं हुआ था। बाद में अर्नब को पता लगा की अन्वय ने आत्महत्या कर ली, तो बकाया दस फीसदी पेमेंट 83 लाख रुपये उसके खाते में टांसफर भी किये। लेकिन खाता बंद होने के कारण रुपया वापस आ गया।

अर्णब पर बकाया राशि को लेकर कोई व्यक्ति अपनी मां के साथ आत्महत्या कैसे कर लेगा? कोई व्यक्ति ऐसे हालत में आत्महत्या करता है तो पत्नी और बच्चों के साथ करता है, मां के साथ नहीं। जबकि असली बकायेदार फिरोज शेख है जो lcast X और स्की मीडिया कंपनी का मालिक है उसने अन्वय नायक का 4 करोड रुपए नहीं दिया जो एक बहुत बड़ा एमाउंट है। लेकिन परमवीर की पुलिस ने फिरोज शेख के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की ।