नई दिल्ली। संसद के दोनों सदन सोमवार को विपक्ष के हंगामे के कारण मंगलवार तक स्थगित कर दिए गए। बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हुआ। यह 3 अप्रैल तक चलेगा। लोकसभा की कार्यवाही की शुरुआत बिहार के वाल्मीकि नगर से सांसद बैधनाथ प्रसाद महतो को श्रद्धांजलि के साथ हुई। इसके बाद सदन को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होते ही दिल्ली हिंसा पर विपक्ष ने हंगामा किया।

यहां भी सदन दो बजे तक स्थगित कर दिया गया। दोनों सदनों की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई तो दिल्ली हिंसा को लेकर नारेबाजी शुरू हो गई। लोकसभा में कांग्रेस सांसदों ने गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर नारे लगाए। राज्यसभा में भी यही हुआ। इसके बाद दोनों ही सदनों की कार्रवाई को मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

इसके पहले लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों के हंगामे से नाराज संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “यहां वो लोग हंगामा कर रहे हैं जिन्होंने 1984 के सिख दंगों में 3000 हजार लोगों के मारे जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की थी।”संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर संसद में बहस के लिए तैयार है। बजट सत्र के पहले चरण (31 जनवरी से 11 फरवरी) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट पेश किया था।

अधीर रंजन का सरकार पर हमला
त्र शुरू होने से पहले न्यूज एजेंसी से बातचीत में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली हिंसा को रोकने में नाकाम साबित हुई है। चौधरी ने कहा, “कांग्रेस संसद में दिल्ली हिंसा का मामला उठाएगी। हम गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग करेंगे। देश की राजधानी में हिंसा उनकी निगरानी में हुई। यही पश्चिम बंगाल में भी हो रहा है। वहां भी गोली मारो सालों को, जैसे भड़काऊ नारे लगाए जा रहे हैं। भाजपा देश को मजहब के नाम पर बांटने की कोशिश कर रही है। टुकड़े-टुकड़े गैंग की असली कमान तो भाजपा के हाथ में है। धीरे-धीरे पूरा देश सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में आ रहा है।”

हिंसा पर राजनीति न हो: मेघवाल
संसदीय कार्य राज्यमंत्री मेघवाल ने कहा, “सरकार दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर संसद में बहस के लिए तैयार है। विपक्षी दलों की तरफ से जो नोटिस आ रहे हैं, उसमें दिल्ली हिंसा का मुद्दा उठाया जा रहा है, सरकार भी इस मुद्दे पर संसद में बहस के लिए तैयार है लेकिन किसी को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। ऐसी घटना दोबारा न हो इसके लिए बहस होनी चाहिए।” माना जा रहा है कि इस सत्र में सरकार सरोगेसी और टैक्स विवादों के निपटारे के लिए नए बिल ला सकती है।