दालों के वायदा व्यापार में लिप्त पाए तो होगी सख्त कार्रवाई, दाल इंडस्ट्री को सरकार की चेतावनी

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नई दिल्ली। Pulses Prices: दाल की बढ़ती कीमतों ने न केवल आम जनता को परेशान कर रखा है बल्कि सरकार की नींद भी उड़ा दी है। ऐसे में सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है जिससे दालों की बढ़ती कीमतों पर रोक लग सके।

उपभोक्ता मामलों के सचिव निधि खरे ने इस संबंध में अलग-अलग पक्षों के साथ बैठक की। इस बैठक में सचिव ने दाल के भंडार और उपलब्धता का जायजा लिया है। साथ ही उन्होंने 15 अप्रैल, 2024 से ऑनलाइन स्टॉक मॉनिटरिंग के संचालन के लिए दाल इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत की।

सरकार ने व्यापारियों को चेतावनी दी कि दालों के वायदा व्यापार में शामिल पाए जाने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act) के प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

खरे ने यांगून में भारतीय मिशन के साथ म्यांमार (Myanmar) से दालों के इंपोर्ट से संबंधित विषयों पर भी चर्चा की। बता दें कि सरकार फूड इंफ्लेशन को काबू में करने के लिए कई कदम उठा रही है। ये ही वजह है कि मार्च के महीने में CPI inflation नौ महीने के नीचले स्तर 4.85 फीसदी पर आ गया। हालांकि, थोड़ी गिरावट के बाद भी दाल की कीमत अभी भी 17.7 फीसदी पर है।

भारतीय मिशन ने बताया कि रुपया क्यात निपटान तंत्र 25 जनवरी, 2024 से चालू हो गया है, जिसका उद्देश्य व्यापार लेनदेन को सरल बनाना और कुशल बनाना है। भारत घरेलू कमी को पूरा करने के लिए दालों के आयात पर निर्भर है। देश म्यांमार से तुअर और उड़द दाल का आयात करता है। सेंट्रल बैंक ऑफ म्यांमार ने 26 जनवरी, 2024 को एसआरवीए (SRVA) के तहत भुगतान प्रक्रियाओं के लिए दिशानिर्देश जारी किए।

मंत्रालय के बयान में कहा गया है, “व्यापारियों द्वारा इस तंत्र को अपनाने से मुद्रा रूपांतरण से जुड़ी लागत कम हो जाएगी और कई मुद्रा वार्तालापों की आवश्यकता को समाप्त करके विनिमय दरों से संबंधित जटिलताएं खत्म हो जाएंगी।”

इस बीच, सरकार ने आयातकों और अन्य उद्योग के व्यवसायी जैसे मिल मालिकों, स्टॉकिस्टों, खुदरा विक्रेताओं आदि से 15 अप्रैल से पोर्टल https://fcainfoweb.nic.in/psp/ पर साप्ताहिक आधार पर आयातित पीली मटर सहित दालों के अपने स्टॉक की ईमानदारी से घोषणा करने को कहा है।