जेईई मेन जुलाई पेपर एनालिसिस: मैथ्स कठिन, फिजिक्स एवं कैमिस्ट्री मध्यम रहा

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कोटा। बीई-बीटेक कोर्स में प्रवेश के लिए देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के दूसरे सेशन जेईई मेन-जुलाई के तीसरे दिन की परीक्षा बुधवार को कम्प्यूटर बेस्ड मोड पर हुई। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. बृजेश माहेश्वरी ने बताया कि स्टूडेंट्स के फीडबैक व सीसैट पर प्राप्त रिस्पॉन्सेज के आधार पर पेपर का एनालिसिस किया गया है।

फिजिक्स: सुबह की पारी में फिजिक्स का पेपर आसान रहा। विद्यार्थियों के अनुसार पेपर सॉल्व करने में उन्हें करीब 40-50 मिनट का टाइम लगा। लगभग सभी विषयों से प्रश्न पूछे गए। कुछ प्रश्न लॉजिक गेट, रिजॉल्विंग पॉवर व अर्थ मैग्नेटिज्म से पूछे गए। शेष प्रश्न हीट, मैकेनिक्स, इलेक्ट्रोडायनेमिक्स एवं मॉडर्न फिजिक्स आदि से पूछे गए। जबकि ऑप्टिक्स से लगभग ना के बराबर प्रश्न पेपर में थे। शाम की पारी में पेपर का डिफीकल्टी लेवल मध्यम रहा। जिसमें पांच प्रश्न स्अेटमेन्ट व असरशन रीजनिंग टाइप के थे। अधिकांश प्रश्न पूरे सिलेबस से थे। इसमें कम्यूनिकेशन एवं ट्रांजिशन के प्रश्न जेईई मेन्स के सिलेबस से सीधे पूछे गए।

कैमिस्ट्री:सुबह की पारी में कैमिस्ट्री के पेपर का डिफीकल्टी लेवल मध्यम स्तरीय रहा। जिसमें करीब 6-8 प्रश्न स्टेटमेंट (1-2) टाइप तथा 3-4 प्रश्न कॉलम मेचिंग टाइप के पूछे गए। फिजीकल कैमिस्ट्री से केमिकल काइनेटिक्स, सरफेस कैमिस्ट्री, आयोनिक इक्विलीब्रीयम, मोल कंसेप्ट के 2-3 प्रश्न, लिक्विड सॉल्युशन, एटोमिक स्ट्रक्चर व सॉलिड स्टेट से प्रश्न आए। इसी प्रकार इनऑगेनिक कैमिस्ट्री में डी-ब्लॉक, कोऑर्डिनेशन कम्पाउंड, केमिकल बॉन्डिंग व हाइड्रोजन एवं ऑर्गेनिक कैमिस्ट्री से पॉलीमर, कैमिस्ट्री इन एवरीडे लाइफ, सब्स्टीट्यूशन रिएक्शन, एरोमेटिसिटी, एल्कोहल व फीनोल टॉपिक्स से प्रश्न आए। शाम की पारी में पेपर आसान रहा। जिसमें करीब 5-6 प्रश्न स्टेटमेंट (1-2) टाइप, दो प्रश्न असरशन रीजनिंग एवं दो प्रश्न कॉलम मेचिंग के आए। अधिकांश मेमोरी बेस्ड थ्योरी के आसान प्रश्न थे। एनसीइआरटी (NCERT) के सिलेबस से सीधे कैमिस्ट्री इन एवरीडे लाइफ व एनवायरमेन्टल के प्रश्न पूछे गए। ऑर्गेनिक कैमिस्ट्री में सेपरेशन ऑफ एनीलियन एंड वाटर का कॉलम मेचिंग प्रश्न था।

मैथ्स: सुबह की पारी में मैथ्स का पेपर का डिफीकल्टी लेवल मध्यम से कठिन रहा। एलन के मॉक टेस्ट व मॉड्यूल्स से मिलते-जुलते प्रश्न आने से स्टूडेंट्स को पेपर सॉल्व करने में काफी मदद मिली। कुछ प्रश्नों में मल्टीपल कंसेप्ट्स का उपयोग किया गया था। लगभग सभी चैप्टर्स को पेपर में कवर किया गया था। कक्षा 12वीं के सिलेबस से 65 प्रतिशत एवं 11वीं के सिलेबस से 35 प्रतिशत प्रश्न पेपर में आए। करीब 20 प्रतिशत प्रश्न कठिन व लेन्दी थे जबकि 60 प्रतिशत प्रश्नों का डिफीकल्टी लेवल मोडरेट था। फिजिक्स व कैमिस्ट्री की अपेक्षा मैथ्स का पेपर कठिन रहा। शाम की पारी में पेपर का स्तर कठिन था। डिफीकल्टी लेवल में मध्यम स्तरीय प्रश्नों की संख्या कम कम थी। करीब 20 प्रतिशत प्रश्न काफी लेन्दी एवं कैलकुलेटिव थे। मल्टीपल कंसेप्ट्स पर आधारित प्रश्नों की संख्या ज्यादा रही। वहीं, 12वीं और 11वीं के सिलेबस को पेपर में 60ः40 के रेश्यो में कवर किया गया था।