खाई में गिरने से पहले ही लग जाएंगे कार के ब्रेक, गडकरी ने बताया फॉर्म्युला

    79

    नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने आज राज्यसभा में हाइवे पर ट्रकों और गाड़ियों को दुर्घटना से बचाने के लिए एक नई टेक्नॉलोजी का जिक्र किया। दरअसल, राज्यसभा में नॉमिनेटेडट सदस्य गुलाम अली के सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार दुर्गम इलाकों में इस नई तकनीक के इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है।

    नॉमिनेडेट सदस्य अली ने सवाल पूछा कि कश्मीर में मौजूदा सरकार काम तो बहुत करा रही है लेकिन हाइवे पर ट्रक दुर्घटनाएं बहुत ज्यादा हो रही हैं। उन्होंने कहा कि एक्सिडेंट क्रैश बैरियर तो होता है लेकिन इनता बड़ा ट्रक होता है कि एकबार अगर वो फिसलकर नीचे गिरा तो फिर आसपास हाइड्रो प्रोजेक्ट की वजह से न तो ट्रक मिलता है न डेड बॉडी। उन्होंने कहा कि मैं मंत्री से आग्रह करूंगा कि डोड्डा से किश्तवाड़ और उधमपुर से श्रीनगर की तरफ नेशनल हाइवे पर एक्सिडेंट क्रैश बैरियर लगवा दें तो हादसे थोड़े कम किए जा सकते हैं।

    सवाल के जवाब में नितिन गडकरी ने कहा कि ये भी सच है कि पहाड़ी इलाकों में एक्सिडेंट होते हैं। पहले क्रैश बैरियर लोहे के लगते थे। अब एक नई तकनीक आ गई है। इस तकनीक में कंक्रीट में प्लास्टिक का एक गोल उपकरण लगा रहता है। इसमें ट्रक कितनी भी जोर से टक्कर मारे पर वो नीचे की तरफ नहीं गिरता है, बल्कि गिरने की बजाए पीछे की तरफ आ जाता है।

    उन्होंने बताया कि इस उपकरण की कीमत थोड़ी ज्यादा होती है। गडकरी ने कहा कि उत्तराखंड, हिमाचल, कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश जैसे कठिन पहाड़ी इलाके में गाड़ियों का इस तरह से दुर्घटना होती है। मंत्री ने बताया कि इस तरह का प्रयोग हमने कुछ जगह किया है। हम कोशिश करेंगे कि कैसे इसके उपयोग से ऐसी दुर्घटना को कम किया जाए।

    बांस के क्रैश बैरियर: गडकरी ने साथ ही बताया कि अब बांस के क्रैश बैरियर बन गए हैं। उन्होंने बताया कि असम से जो बांस आते हैं वो इको फ्रेंडली क्रैश बैरियर बना रहे हैं। इससे आदिवासी और किसानों को काम मिलेगा।