कोटा संभाग में भारी बारिश की चेतावनी, राजस्थान के 29 जिलों में बारिश का अलर्ट

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जयपुर। Rajasthan weather: राजस्थान में आज से बरसात में बढ़ोतरी होगी। मौसम विभाग केंद्र जयपुर के अनुसार मानसून ट्रफ लाइन अपने सामान्य से दक्षिण दिशा में है। साथ ही आंध्रप्रदेश, उड़ीसा तट पर एक परिसंचरण तंत्र बना हुआ है। अगले 24 घंटे में यह तंत्र बदलकर कम दबाव का क्षेत्र में परिवर्तित हो जाएगा।

25 जुलाई से मानसून की ट्रफ लाइन के नार्मल स्थिति में आने से बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी। मौसम विभाग के अनुसार बीकानेर, जोधपुर, अजमेर, जयपुर, भरतपुर और कोटा संभाग के जिलों में मानसून सक्रिय होने से अधिकतर भागों में तेज बरसात होने के आसार है। 27 जुलाई से दक्षिण पश्चिमी राजस्थान में बारिश की गतिविधियों में कमी हो सकती है।

राजस्थान में सोमवार उमस और गर्मी से परेशान लोगों को कई जिलों में बारिश से राहत प्रदान की है। मौसम विभाग केंद्र जयपुर ने आज प्रदेश के 29 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। दूसरी तरफ मध्यप्रदेश में हुई खातौली में गुजर रही पार्वती नदी में आए उफान से करीब 10 घंटे तक राजस्थान का संपर्क मध्यप्रदेश से कटा रहा। हाड़ौती अंचल में रात को मेघ गर्जन और जोरदार बारिश हुई।

25 व 26 जुलाई को बीकानेर, जोधपुर, अजमेर, जयपुर व भरतपुर, कोटा संभाग में भारी से अति भारी बारिश होगी। उधर, 27 जुलाई से दक्षिण पश्चिमी राजस्थान के कुछ भागों में बारिश की गतिविधियों में कमी होने और उत्तर-पूर्वी व पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में बारिश की गतिविधियां जारी रहने की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है कि राजस्थान में 4 अगस्त से मानसून कमजोर पड़ने लगेगा।

4 से 10 अगस्त तक मानसून रहेगा कमजोर
मौसम विभाग की माने तो 3 अगस्त तक राजस्थान में मानसून की अच्छी बारिश दर्ज होती रहेगी। उसके बाद एक सप्ताह तक मानसून कमजोर पड़ेगा। माना जा रहा है कि सप्ताहभर तक किसान को खेतों में बुवाई का समय मिल जाएगा। 10 अगस्त के बाद मानसून के फिर से जोर पकड़ने की संभावना जताई जा रही है।इस बार मानसून ज्यादा मेहर बरसा रहा है। मानसून की बात करें तो जून से लेकर अब तक 321.4 एमएम बारिश दर्ज हो चुकी है, जबकि सामान्य बारिश का आंकड़ा 174 एमएम है। यानि सामान्य से 81 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज हो चुकी है। उधर, सितंबर तक औसत बारिश का आंकड़ा 434 एमएम है, जिसे भी इस बार पार किया जा सकता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि अगले दो माह मानसून की बारिश के हिसाब से अच्छे रह सकते हैं।