ऑटोमोबाइल सेक्टर को 28 % वाले GST स्लैब से मिल सकती है राहत

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नई दिल्ली। मांग में आई कमी से निपटने के लिए सरकार जल्द ही आपको कई राहत दे सकती है। इनमें गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के ढांचे में बदलाव समेत टैक्स की दरों में कमी शामिल है। इसके अलावा 28 फीसदी वाले उच्च टैक्स स्लैब से कई सामानों को हटाकर कम दर वाले स्लैब में रखा जा सकता है।

मांग में आई कमी के कारण राज्यों के राजस्व पर असर पड़ रहा है। ऐसे में राजस्व में बढ़ोतरी और मांग बनाए रखने के लिए कई राज्यों ने केंद्र सरकार से टैक्स रेट घटाने की सिफारिश की है। आम बजट पेश होने से पहले 20 जून को जीएसटी काउंसिल की बैठक होने जा रही है। नई मोदी सरकार में वित्त मंत्रालय संभाल रहीं निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में यह जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक होगी।

इस बैठक में टैक्स रेट घटाने समेत उच्च दर वाले स्लैब से कई सामानों को बाहर करने पर चर्चा हो सकती है। संभावना जताई जा रही है कि यदि बैठक में इस पर सहमति बनती है तो बजट से पहले ही इसकी घोषणा हो सकती है। इसके अलावा जीएसटी काउंसिल की बैठक में इलेक्ट्रॉनिक इनवॉयसिंग और एंटी प्रॉफिटियरिंग फ्रेमवर्क के विस्तार पर भी चर्चा हो सकती है।

ऑटोमोबाइल सेक्टर को 28 फीसदी टैक्स से मिल सकती है राहत
इस समय देश में ऑटोमोबाइल सेक्टर को 28 फीसदी के उच्च दर वाले टैक्स स्लैब में रखा गया है। इसके अलावा गाड़ियों पर आकार और सेगमेंट के मुताबिक कंपनसेशन सेस भी लगता है। जानकारों का मानना है कि हाई टैक्स रेट के कारण इस साल गाड़ियों की बिक्री में कमी दर्ज की गई है।

यही कारण है कि अप्रैल में पैसेंजर व्हीकर सेल्स में 17 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। यही नहीं मई माह में देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की सेल्स में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 22 फीसदी की गिरावट आई है।