एक लापरवाही ने उजाड़ा परिवार, अब राहत की दरकार

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-कृष्ण बलदेव हाडा-
एक सरकारी एंबुलेंस के शराबी ड्राइवर की घोर लापरवाही की वजह से एक परिवार को उजाड़ दिए जाने के बाद इस परिवार की अत्यंत दुखद परिस्थितियां सामने आ रही है जिसे इस हादसे से उभरने के लिये असीम मदद की दरकार है।

राजस्थान में कोटा के छावनी फ्लाईओवर पर गुरुवार को एक सरकारी एंबुलेंस के शराबी ड्राइवर सुरेन्द्र सिंह की लापरवाही से गाड़ी चलाकर बूंदी जिले के कापरेन के पास के पीपल्दा गांव में रहने वाले एक नौजवान पवन कुमार और उसके परिवार को कुचल डालने के इस गंभीर हादसे में अब तक न केवल पवन बल्कि उसकी पत्नी मनभर बाई और मां सुरजा बाई असमय काल-कलवित हो चुके हैं और ढाई साल की बेटी दक्षिता जीवन-मरण का प्रश्न लिए हुए कोटा के एमबीएस अस्पताल में जूझ रही है।

स्थिति यह है कि एक भरा-पूरा परिवार अपने तीन सदस्यों को गंवा चुका है और अपने पीछे एक ऐसे परिवार के बाकी बचे दो सदस्यों को छोड़ गया है जो परिवार के शेष बचे परिवार का तो क्या खुद के भरण-पोषण करने के लायक स्थिति में भी नहीं है क्योंकि अब बचे परिवार में मृत नौजवान पवन कुमार वैष्णव के बुजुर्ग पिता प्रेम शंकर हैं जो गांव में रहते हैं और खुद शारीरिक रूप से दिव्यांग है इसलिए कुछ भी कर पाने की स्थिति में नहीं है और उनके लिए तो पहले भी उनका यह बेटा पवन ही सहारा था जिसे अब वे खो चुके।

खुद बुजुर्ग प्रेम शंकर की पत्नी सुरजा बाई इस हादसे में उनका साथ छोड़ गई है। इस हादसे के तुरंत बाद बेटा पवन और बहू मनभर बाई तो कल ही जान गवा चुके थे। पोती का इलाज कोटा के अस्पताल में किया जा रहा है और अब घर में वह अौर पवन का 5 साल का बेटा लक्ष्य ही मौजूद है। हालांकि पवन का एक भाई और है जो पीपल्दा गांव में ही निवास करता है लेकिन वह पहले से ही अलग रह रहा है। ऎसे में पवन ही अपना और अपने परिवार का इकलौता पालनहारा था जो चला गया।

इस समूचे हादसे का एक अन्य मार्मिक पहलू यह है कि कुछ साल पहले जब पवन की शादी हुई थी तो शादी के बाद ही उसकी पत्नी मनभर आंशिक रूप से लकवे का शिकार हो गई थी जिसकी वजह से वह सामान्य जीवन नहीं जी पाती थी और कुछ लंगड़ा कर चलती थी। उसने इसका चिकित्सकों से इलाज भी करवाया था लेकिन कोई राहत नहीं मिली तो जैसा कि आमतौर पर ग्रामीण हलके में होता है, उसी तरह पवन को देवी-देवताओं की शरण में जाना उचित लगा।

इसी के तहत वह अपनी मां को साथ लेकर अपनी पत्नी मनभर बाई को नवरात्र के अंतिम दिन रामनवमी को ढोक लगवाने के लिए कोटा-झालावाड़ रोड पर केबल नगर के पास स्थित गोपालपुरा गांव के माताजी के मंदिर में आया था जहां के बारे में यह सुप्रसिद्ध मान्यता है कि शारीरिक रूप से अक्षम लोग यहां आकर ढोक लगाएं और मंदिर की परिक्रमा करें तो शारीरिक रूप से हुई विकलांग को ठीक हो जाती है।

इसी अपने विश्वास के साथ पिछले काफी समय से हर शनिवार को पवन अपनी पत्नी को ढोक लगाने के लिए गोपालपुरा मंदिर में आता था। इस बार शनिवार की जगह दो दिन पहले ही रामनवमी पर गुरुवार को ही वह गोपालपुरा में अपनी पत्नी को ढोक लगवाने के बाद वापस अपने गांव पीपल्दा लौट रहा था। इसी बीच रास्ते में यह सड़क हादसा हो गया जिसमें उसकी,उसकी पत्नी और मां की जान चली गई और अपने पीछे एक बिलखता हुआ परिवार छोड़कर इस दुनिया को अलविदा कह गया।

अब जद्दोजहद इस बात को लेकर है कि पवन की मृत्यु के बाद इस परिवार के बाकी बचे सदस्यों का आसरा कौन बनेगा? इसी को ध्यान में रखते हुए बूंदी जिले की केशवरायपाटन विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की विधायिका श्रीमती चंद्रकला मेघवाल ने मांग की है कि एक सरकारी एंबुलेंस के शराबी ड्राइवर की घोर लापहरवाही की वजह से हुई इस दुर्घटना की भरपाई करते हुए राज्य सरकार इस परिवार को पर्याप्त मुआवजा दें ताकि यह परिवार अपना जीवन यापन कर सके।

साथ ही उस शराबी सरकारी एंबुलेंस चालक के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए क्योंकि गुमानपुरा पुलिस ने उसकी इतनी गंभीर लापरवाही के बावजूद ऐसी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया हैं, जो जमानत योग्य है जबकि जिन परिस्थितियों में यह दुर्घटना हुई है, उनमें गैर इरादतन हत्या का मामला बनता है और पूर्व में भी इस तरह के मामलों में ऐसे अपराधी तत्वों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के मुकदमें दर्ज होते रहे हैं तो ऐसे में इस चालक के खिलाफ भी गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर उस पर मुकदमा चलाया जाए ताकि उसे आसानी से जमानत का लाभ नहीं मिले और वह जमानत पर छूटकर खुले में नहीं घूम सके। उसे उसके कर्मों की सजा मिलनी चाहिए।

इसके अलावा किसान संघ ने भी यह मांग कर रहा है कि कोटा शहर को ट्रैफिक लाइट मुक्त बनाने की कोशिश में किए गए प्रयासों के तहत बनाए गए फ्लाईओवर पर ऊंची रेलिंग लगाई जाए ताकि यदि कोई व्यक्ति किसी वजह से फ्लाई ओवर की दीवार से टकरा जाए तो कम से कम वह फ्लाईओवर ओर से नीचे गिर कर वह असमय कालकवलित तो नहीं हो।

पिछले महिने भर में ऐसे दो हादसे हो चुके हैं जब किसी दो पहिया वाहन के दुर्घटना के बाद उसके सवार फ्लाईओवर से नीचे गिर पड़े और उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी। गुरुवार को छावनी फ्लाईओवर पर महिला मनभर बाई की एंबुलेंस की टक्कर के बाद नीचे गिरकर मरने की घटना से पहले गुमानपुरा फ्लाईओवर पर भी ऐसा ही एक हादसा हो चुका है जब एक मोटरसाइकिल सवार फ्लाईओवर की दीवार से टकराकर नीचे गिर गया था और उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी इसलिए इन फ्लाईओवर की या तो दीवार को ऊंचा किया जाए अथवा ऊंची रेलिंग लगाई जाए ताकि ऐसे हादसों को टाला जा सके।

एंबुलेंस चालक निलम्बित
राजस्थान के कोटा में सरकारी एंबुलेंस को लापरवाही और शराब के नशे में चलाकर एक ही परिवार के तीन सदस्यों को कुचल डालने के मामले में चालक सुरेंद्र सिंह को शुक्रवार को कोटा के कलक्टर ने निलंबित कर दिया है। इस मामले में प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि घटना के समय चालक सुरेंद्र सिंह शराब के नशे में था और उसने छावनी फ्लाईओवर पर यह दुर्घटना करने से पहले कोटड़ी फ्लाईओवर के पास यातायात पुलिस के एक सिपाही को भी उस समय कुचलने की कोशिश की थी, जब उसने इस संदिग्ध अवस्था में लहराती जा रही एंबुलेंस को रुकवाने की कोशिश की थी लेकिन चालक सुरेंद्र सिंह एंबुलेंस को भगा ले गया।