ईपीएफ अंशधारकों की न्यूनतम पेंशन बढ़ाने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय ने किया खारिज

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नयी दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अंशधारकों की पेंशन मौजूदा 1,000 रुपये प्रति माह से बढ़ाने के श्रम मंत्रालय के प्रस्ताव को ठुकराने के लिए एक संसदीय समिति वित्त मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांगेगी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में पेंशनभोगी को देय न्यूनतम मासिक पेंशन को कम से कम 2,000 रुपये तक का बढ़ाने की सिफारिश की थी।

श्रम मंत्रालय और ईपीएफओ के शीर्ष अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बीजद सांसद भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता में श्रम संबंधी संसदीय स्थायी समिति को ईपीएफ पेंशन योजना के संचालन और इसके कोष के प्रबंधन के बारे में जानकारी दी।

अधिकारियों ने समिति को बताया कि वित्त मंत्रालय मासिक पेंशन में किसी भी वृद्धि के लिए श्रम मंत्रालय के प्रस्ताव पर सहमत नहीं था। समिति ने अब इस कदम के संबंध में स्पष्टीकरण मांगने के लिए वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों को बुलाने का फैसला किया है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में सदस्य/ विधवा/ विधुर पेंशनभोगी को देय न्यूनतम मासिक पेंशन को कम से कम 2,000 रुपये तक का बढ़ाने की सिफारिश की थी।

हम यहां यह बता देना चाहते हैं कि वित्त मंत्रालय सांसदों अपर मंत्रियों के वेतन बढ़ने के प्रस्ताव को तो तुरंत पास कर देता है, लेकिन EPFO अंशधारकों के न्यूनतम पेंशन बढ़ने के प्रस्ताव को पिछले कई साल से टाल रही है। जबकि सांसदों और मंत्रियों का वेतन सात साल में कितनी ही बार बढ़ चुका है। वर्तमान में अंशधारकों की पेंशन 30 हजार से कम नहीं होनी चाहिए।