आप भी बचा सकते हैं टैक्स और कर सकते हैं बचत

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नई दिल्ली। महंगाई और इनकम टैक्स का असर कई बार लोगों की बचत और निवेश पर पड़ता है। जैसे-जैसे जीवनयापन महंगा हो रहा है, यह जरूरी है कि आप इस तरह पैसे बचाएं कि इनकम टैक्स पर भी बचत हो और आपकी सेविंग्स भी बढ़ें। किसी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार के लिए टैक्स-सेविंग का सबसे पॉप्युलर ऑप्शन इनकम टैक्स ऐक्ट के तहत सेक्शन 80C है।

इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80C में विभिन्न निवेश और खर्चों पर टैक्स छूट का दावा किया जाता है। इसकी लिमिट एक फाइनैंशल इयर में 1.5 लाख रुपये है। 80C में छूट के अलावा सेक्शन 80 के तहत भी कई दूसरे विकल्पों पर आप टैक्स बचा सकते हैं।

इन तरीकों से आप अपनी सेविंग्स बढ़ा सकते हैं और टैक्स बचा सकते हैं:

होम लोन
अगर आपने अपने पार्टनर के साथ मिलकर नया घर खरीदा है और उसके लोन को भी साथ चुका रहे हैं तो आप दोनों 2-2 लाख रुपये तक इनकम टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। इसके अलावा, 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 के दौरान 45 लाख रुपये तक की स्टैंप ड्यूटी वाला रेजिडेंशल घर खरीदने पर आप होम लोन पर ब्याज के लिए 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट पा सकते हैं। अब जिस घर में आप खुद रह रहे हैं उस पर 2 लाख रुपये की छूट के अलावा अब 1.5 लाख रुपये तक अतिरिक्त छूट भी पाई जा सकती है। हालांकि, इस तरह की छूट पाने के लिए आपके पास होम लोन लेने के समय कोई और रेजिडेंशल प्रॉपर्टी नहीं होनी चाहिए।

HRA और होम लोन में छूट
अगर आपने होम लोन लिया है और किराए के घर में रह रहे हैं तो आप होम लोन और हाउस रेंट अलाउंट (HRA) दोनों पर इनकम टैक्स में छूट पा सकते हैं। दोनों तरह की छूट पर दावा करने के लिए जिस घर के लिए आपने होम लोन लिया है वह दूसरे शहर में होना चाहिए, ना कि उस शहर में जहां आप किराए पर रह रहे हैं। इन दोनों छूट के साथ आप इनकम टैक्स पर 2 लाख रुपये तक बचा सकते हैं।

HRA
अगर आपकी कंपनी आपको HRA नहीं देती तब भी आप से आप चुकाए जाने वाले किराए पर इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80CG के तहत हर महीने 5,000 रुपये तक टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखने वाली बात है कि इस तरह की छूट का दावा करने के लिए कर्मचारी, उनके पार्टनर और नाबालिग बच्चे के पास एक घर होना चाहिए। ऐसा करने से आप इनकम टैक्स पर छूट पा सकते हैं और अपनी बचत बढ़ा सकते हैं।

मेडिकल इंश्योरेंस
अगर आपने अपने लिए या अपने पार्टनर के लिए कोई मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदी है तो आप 25,000 रुपये तक छूट का दावा कर सकते हैं। अगर आप या आपके पार्टनर की उम्र 60 वर्ष से अधिक है तो आप 50,000 रुपये तक छूट पा सकते हैं। अगर आपने इंश्योरेंस पॉलिसी अपने माता-पिता के लिए खरीदी है तो आप 25,000 रुपये तक छूट और अगर उनकी उम्र 60 वर्ष से ज्यादा है तो 50,000 रुपये तक छूट पा सकते हैं।

LTCG टैक्स बेनिफिट
अगर आप अपने घर को बेचने की योजना बना रहे हैं तो बेचने से पहले इसे दो साल तक रोकने की कोशिश करें क्योंकि ऐसा होने से यह लॉन्ग-टर्म कैपिटल ऐसेट बन जाएगा। लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स पर 20 प्रतिशत से ज्यादा टैक्स लगता है जबकि शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स पर स्लैब रेट पर टैक्स लगता है जो 30 प्रतिशत तक हो सकता है। यानी अगर आप घर को कुछ समय तक न बेचें तो आप 10 प्रतिशत तक टैक्स बचा सकते हैं।

गौर करने वाली बात है कि टैक्स-सेविंग्स इन्वेस्टमेंट को शुरू करने का सबसे बेहतर समय वित्त वर्ष की शुरू में होता है। ध्यान रहे कि निवेश करते समय आपको पूरी जानकरी हो और लॉन्ग-टर्म लक्ष्यों को हासिल कर सकें।