आईएमएफ ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 5.9 फीसदी किया

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नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.1 प्रतिशत से घटाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया। हालांकि इसके बावजूद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

आईएमएफ ने अपने वार्षिक विश्व आर्थिक परिदृश्य में वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) के लिए पूर्वानुमान को इस साल जनवरी के 6.8 प्रतिशत से घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत की विकास दर 5.9 प्रतिशत रही जो उससे पिछले वर्ष 6.8 प्रतिशत थी।

ताजा अनुमान रिजर्व बैंक के अनुमानों से कम
भारत की वृद्धि दर के संबंध में आईएमएफ के ताजा अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक अनुमानों से कम हैं। आरबीआई के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर सात प्रतिशत रहेगी जबकि एक अप्रैल से शुरू हुए चालू वित्तीय वर्ष में विकास दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

बता दें कि सरकार ने अभी तक 2022-23 के लिए पूरे साल के जीडीपी आंकड़े जारी नहीं किए हैं। विश्व आर्थिक परिदृश्य के आंकड़ों से पता चलता है कि विकास दर के अनुमान 2022 के 6.8 प्रतिशत की तुलना में गिरकर 5.9 प्रतिशत होने के बावजूद भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है।

धीरे-धीरे उबर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था
चीन की वृद्धि दर 2023 में 5.2 प्रतिशत और 2024 में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि 2022 में इसकी वृद्धि दर तीन प्रतिशत थी। ऊपरी तौर पर वैश्विक अर्थव्यवस्था महामारी के शक्तिशाली झटकों और रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव से धीरे-धीरे उबर रही है।

भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अच्छा
आईएमएफ के एशिया-प्रशांत विभाग की उप निदेशक ऐनी-मैरी गुल्डे-वुल्फ ने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है। सबसे तेजी से बढ़ती एशियाई अर्थव्यवस्था बनी हुई है। लेकिन, खपत बढ़ने में अपेक्षित मंदी की वजह से वृद्धि अनुमानों में थोड़ी कमी की गई है। उन्होंने कहा कि आईएमएफ वृद्धि के मुख्य चालक के रूप में निवेश को देखता है। यह दो अंक में कर्ज वृद्धि, मजबूत पीएमआई और एक महत्वाकांक्षी सरकारी खर्च कार्यक्रम से स्पष्ट है।

2.8 फीसदी रह सकती है वैश्विक वृद्धि दर
वैश्विक वृद्धि दर इस साल 2.8 फीसदी और 2024 में 3 फीसदी रहेगी। महंगाई भी 2022 के 8.7 फीसदी से कम होकर इस साल 7 फीसदी और 2024 में 4.9 फीसदी रह सकती है।