फ्लाई एश व कोटा स्टोन स्लरी को उपयोगी केटेलिस्ट में बदलने पर मिला पेटेंट

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-अरविन्द 

कोटा। कोटा यूनिवर्सिटी में डीन प्रो.आशू रानी के अनुसंधान पर भारत सरकार के पेटेंट विभाग ने 20 वर्ष के लिए पेटेंट जारी कर दिया। उन्होंने शहर में निकलने वाले सोलिड वेस्ट मेटेरियल कोटा स्टोन स्लरी एवं फ्लाई एश पर निरंतर  करके फार्मा कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण उपयोगी पदार्थ तैयार किया, जिसका उपयोग देश-विदेश में किया जा सकेगा।

कोटा यूनिवर्सिटी की डीन प्रो. डॉ आशू रानी ने इस आर्गेनिक कम्पाउंड पर निरंतर शोध करते हुए ऐसा सिंथेसिस तैयार किया, जिससे फार्मास्यूटिकल कंपनियों में एक केटेलिस्ट के रूप में उपयोग किया जा सकेगा। उन्होने बताया कि सस्ती फ्लाई एश व कोटा स्टोन स्लरी से ‘बेंजिलाइडेन साइक्लो हेक्सानॉन’ नामक ग्रीन केटेलिस्ट प्रोसेस तैयार करने के लिए लंबी शोध प्रक्रिया पूरी की गई। पेटेंट एक्ट,2010 के प्रावधानों के तहत वैधानिक प्रमाणपत्र जारी किया गया।

रिसर्च पूरा करके उन्होंने 2 जून,2010 को पेटेंट के लिए आवेदन किया था, जिस पर 23 मार्च,2017 को पेटेंट कार्यालय ने पेटेंट सर्टिफिकेट जारी किया। यह पेटेंट अगले 20 वर्ष तक वैध रहेगा।  उन्होंने बताया कि कोटा थर्मल से निकलने वाली फ्लाई एश को 900 डिग्री सेंटीग्रेड पर गर्म कर थर्मल एक्टिवेशन किया गया, फिर कोटा स्टोन स्लरी में इसे मिलाकर पेस्ट के रूप में 100 डिग्री सेंटीग्रेड पर एक मिश्रण तैयार किया गया। रासायनिक क्रिया से इसमें सस्ता केएफसी केटेलिस्ट तैयार करने में सफलता मिली। शोध छात्रा दीप्ती जैन एवं चित्रलेखा ने डॉ आशू रानी के निर्देशन में लंबे समय तक शोध कार्य किया। उन्हें फ्लाई एश मिशन, नईदिल्ली से सहयोग मिला।

Prof. Ashu Rani
Professor, Department of Pure & Applied Chemistry

Email ID :
hod.chemistry@uok.ac.in, profashurani@uok.ac.in,  ashu.uok@gmail.com

Research Interest :
Heterogeneous Catalysis, Waste Management, Nanotechnology etc.