जुलाई तक होगा शुरू चम्बल नदी के हैंगिंग ब्रिज से यातायात

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कोटा। नेशनल हाईवे ऑर्थोरिटी ऑफ इंडिया द्वारा 213.58 करोड़ की लागत से बनाये गए चंबल नदी पर  हैंगिंग ब्रिज का काम लगभग पूरा हो चुका है।  इन दिनों लोड टेस्टिंग का काम चल रहा है। यह जुलाई तक शुरू होगा ।  हैंगिंग ब्रिज की सेंसर द्वारा 24 घंटे ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। 

ब्रिज में 29 सेंसर लगाए हैं, जिन्हें वाईफाई की मदद से ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ा गया है। जिससे पुल के झुकाव, घुमाव, केबल और वायब्रेटिंग की रीडिंग और तकनीकी गड़बड़ी तुरंत पता चल सकेगी। ताकि समय रहते ठीक कराया जा सकेगा। हैंगिंग ब्रिज के सेंसर से यह मॉनिटरिंग कोटा के अलावा हैडक्वार्टर दिल्ली के साथ फ्रांस में भी होगी। 

कोरियन कंपनी कर रही लोड टेस्टिंग 
प्रदेश में पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग 76 के कोटा बाइपास पर निर्मित हैंगिंग ब्रिज की  फिलहाल लोड टेस्टिंग सहित कई जांचें चल रही हैं। क्रांकीट से भरे डम्परों को ब्रिज के कई हिस्सों पर एक साथ रख परखा गया है। इस दौरान केबल, ब्रिज के झुकाव, घुमाव की जांच भी की गई है। निर्माण में लगी कंपनी हुंडई ब्रिज की जांच कोरिया की एचक्यू कंपनी के प्रतिनिधियों से करवा रही है। 

इनकी रिपोर्ट के बाद हुंडई ब्रिज निर्माण पूरा होने का प्रमाण पत्र एनएचएआई को देगी। इसके बाद एनएचएआई की कंसल्टेंट कंपनी यूके की लुईस बर्जर ग्रुप इसकी जांच करेगा। उसकी रिपोर्ट पर एनएचएआई इस ब्रिज को हैण्डओवर लेगा। इसमें एक माह का समय लग सकता है। हुंडई ही इस ब्रिज की मेंटीनेंस का कार्य अगले छह साल तक देखेंगी। 

चलते वाहन का वजन
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अनुपम गुप्ता ने बताया कि स्ट्रक्चर हेल्प मॉनिटरिंग सिस्टम से सौ साल तक होगी। ब्रिज से आेवरलोड व्हीकल नहीं गुजर सकेगा। वाहनों का चलते समय ही वजन वे इन मोशन सिस्टम से होगा। ब्रिज के दोनों हिस्सों पर बनने वाले टोल प्लाजा पर इन वाहनों को रोका जाएगा। चालक को संतुष्ठ करने के लिए टोल पर धर्मकांटा लगाया जाएगा। 

शहर को ये 4 बड़े फायदे होंगे

  • जयपुर से बारां जाने वाले वाहन अभी बड़गांव से चंबल ब्रिज, अंटाघर चौराहा होते हुए जाते हैं, इसके बनने के बाद वाहन हैंगिंग ब्रिज से होकर बाईपास से बारां जा सकेंगे।
  • चित्तौड़-उदयपुर से बारां व झालावाड़ जाने वाले वाहनों शहर के भीतर आने की बजाय हैंगिंग ब्रिज से होकर निकल जाएंगे।
  • रावतभाटा से झालावाड़ रोड जाने के लिए चंबल ब्रिज तक का 16 किमी लंबा चक्कर नहीं लगाना होगा।
  • जयपुर-जबलपुर हाइवे अभी शहर के बीच से होकर गुजर रहा है। हैंगिंग ब्रिज बनने के बनने के बाद ये ट्रैफिक भी बाईपास से ही गुजर जाएगा।