सरकारी निवेश के चलते चढ़़े जमीन-जायदाद का मोल में हिस्सा लेने की सरकार की योजना

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नयी दिल्ली । किसी इलाके में सार्वजनिक ढांचागत परियोजनाओं से वहां की जमीन जायदाद का मूल्य बढने पर सरकार सरकार ऐसी संपत्तियों के मालिकों से नए कर लगा कर कुछ राजस्व हासिल कर सकती है।
केंद्र ने वैल्यू कैपचरिंग फाइनेंस यानी मूल्य अभिग्रहण कर :वीसीएफ: का प्रस्ताव किया है जिसका मकसद बुनियादी ढांचा विकास के क्षेत्र में कोष की कमी को दूर करना है।
शहरी विकास मंत्रालय की प्रस्तावित योजना के अनुसार मेट्रो लाइन, रेल परियोजना या पुल जैसी ढांचागत परियोजनाओं से संबंधित क्षेत्र में संपत्ति के दाम बढ़ जाते हैं। लेकिन दूसरी तरफ राज्य सरकार तथा शहरी स्थानीय निकायों को कोष की कमी का सामना करना पड़ता है जिससे बुनियादी ढांचा की विकास धीमा होता है।
इस वित्त समस्या से पार पाने के लिये मंत्रालय ने कोष जुटाने की योजना….वैल्यू कैप्चरिंग फाइनेंस :वीसीएफ: तैयार की है ताकि ढांचागत परियोजनाओं में सार्वजनिक निवेश से संपत्ति के मूल्य में वृद्धि का एक हिस्सा प्राप्त किया जा सके।
शहरी विकास सचिव राजीव गाबा ने कहा, वीसीएफ नीति वित्त पोषण और राजस्व सृजन का एक अनूठा तरीका है। यह मौजूदा शहरी ढांचागत विस्तार के वित्त पोषण के लिये संसाधन की बढ़ती मांग को पूरा करने में मददगार होगा।
एउन्होंने कहा कि इस व्यवस्था का उपयोग अन्य केंद्रीय मंत्रालय द्वारा किया जा सकता है जो राष्ट्रीय राजमार्ग, रेल परियोजनाओं, बिजली उत्पादन और बंदरगाह ढांचागत सुविधा के विकास में निवेश कर रहे हैं।
योजना पर मुहर लगाते हुए वित्त मंत्रालय ने ने कार्यालय ग्यापन जारी करते हुए कहा, सरकार ने फैसला किया है कि वीसीएफ केंद्र सरकार की सभी परियोजनाओं के लिये विस्तृत परियोजना रिपोर्ट का अभिन्न हिस्सा होगा।।