सरकार की लापरवाही से किसानों को 100 करोड़ रुपए का नुकसान

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कोटा। लहसुन खरीद 30 जून को बंद हो गई है लेकिन, सरकार का खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ। हाड़ौती किसान यूनियन ने इसको लेकर सरकार के प्रति रोष प्रकट किया।  यूनियन के महामंत्री दशरथ कुमार ने बताया कि हाड़ौती में बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत 3257 के भाव से 12 लाख 50 हजार क्विंटल लहसुन खरीदना था।

करीब सवा लाख क्विंटल लहसुन ही खरीदा। लक्ष्य पूरा नहीं करने से कोटा संभाग के लहसुन उत्पादक किसानों को 100 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि राज्य व केंद्र सरकार से मांग है कि पंजीकृत किसानों का लहसुन खरीदे। और इस किसानों को नुकसान से उभारे।

चूंकि 64752 किसानों ने लहसुन बेचने के लिए पंजीयन करवाया था। इनमें से 20 हजार किसानों का ही सरकार ने लहसुन खरीदा। इसको लेकर किसान निराश हैं। विपणन प्रभारी चौथमल नागर ने कहा कि सरकार को 13 अप्रैल से लहसुन खरीदना था, खरीद 26 अप्रैल को शुरू हुई वह भी एक केंद्र से। खरीद देरी से शुरू होने शुरुआत में पर्याप्त केंद्र नहीं होने की वजह से इतना कम लहसुन खरीदा गया।

सरकार की लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। बद्रीलाल बैरागी ने कहा यूनियन जल्द ही संभागीय आयुक्त के माध्यम से राज्य व केंद्र सरकार को व विपणन मंत्रियों को मंत्रियों को मांग पत्र भेजेगी। दोनों सरकार से यूनियन की मांग रहेगी वह लक्ष्य के अनुरूप लहसुन की पूरी खरीद करे अन्यथा किसान आंदोलित होगा।