लिवाली के अभाव में धनिया 300 रुपये और टूटा, किसानों का माल बेचने से इंकार 

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शेड में नीलामी नहीं कराने से धनिया आढ़तियों का बहिष्कार जारी

कोटा। भामाशाह अनाज मंडी में शुक्रवार को भी प्रॉपर लेवाल नहीं होने से धनिया 300 रुपये ढीला रहा। उधर, भाव कम लगने से कुछ किसानों ने मॉल बेचने से मना कर दिया। आवक की कमी से गेहूं 25 रुपये, उडद और चना 50-50 रुपये क्विंटल तेज रहा। कमजोर उठाव से सरसों और सोयाबीन 50-50 रुपये क्विंटल मंदा रहा। 

धनिया कारोबारियों का कहना था कि पिछले 15 दिन से वे मंडी समिति से धनिया का ऑक्शन शेड में करने की मांग कर रहे थे। किन्तु मंडी समिति ने उनकी मांग नहीं मानी, जिससे उन्होंने धनिया के ऑक्शन का बहिष्कार कर रखा है। इससे पहले उन्हें व्यापारियों की एसोसिएशन ने शेड में ऑक्शन की सूचना दी थी। किन्तु मौके पर जाकर देखा तो धनिया के ढेर धूप में करवा रखे थे। जहाँ धनिया के ढेर होने चाहिए थे वहां शेड में ट्रक और ट्रैक्टर खड़े थे।

व्यापारियों ने कहा कि उनसे ज्यादा वेल्यू ट्रक और वाहनों की हो गई। वह भीषण गर्मी में धूप में बोली लगाएं। इसलिए धनिया व्यापारी वहां से बिना ऑक्शन के चले गए। मंडी में धनिया बादामी 300 रुपये गिरकर 3500 और ईगल 3700 रुपये प्रति क्विंटल बिका। एनसीडेक्स पर धनिया का जून वायदा 53 रुपये गिरकर 4544 रुपये और जुलाई वायदा 68 रुपये घटकर 4602 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। 

गेहूं मिल 1600 से 1750 लोकवान नया 1600 से 1800 पीडी नया 1600 से 1800 गेहूं टुकडी 1600 से 1900 रुपये प्रति क्विंटल। धान सुगंधा 2400 से 2670 पूसा 1 2500 से 2651 पूसा 4 (1121) 2500 से 3275 धान (1509) 2000 से 3000 रुपये प्रति क्विंटल।  सोयाबीन 2400 से 3711 सरसो 3300 से 3675 तिल्ली 5000 से 8100 रुपये प्रति क्विंटल।

मैथी पुरानी 2000 से 2800 मैथी नई 2500 से 3400 धनिया बादामी नया 3400 से 3800 ईगल 3800 से 4200 रंगदार 4500 से 6000 धनिया पुराना 3000 से 3600 रुपये प्रति क्विंटल। मूंग 3300 से 3800 उडद 2000 से 3300 चना 3200 से 3700 चना काबुली 3500 से 4500 रुपये प्रति क्विंटल। चना पेपसी 3300 से 3600 चना मौसमी 3000 से 3700 मसूर 3000 से 3300 रुपये प्रति क्विंटल।

ग्वार 2500 से 3200 मक्का 1000 से 1300 जौ 1200 से 1400 ज्वार 1300 से 2400 रुपये प्रति क्विंटल। लहसुन नया 300 से 2500 रुपये प्रति क्विंटल। लहसुन की आवक 15000 कट्टे की रही। माल की कुल आवक 50 हजार बोरी की रही ।