नाम के चक्कर में दूसरे के एटीएम से निकाले 1.40 लाख, एसएमएस से खुला राज

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भवानीमंडी। डाकिए ने गलती से किसी अन्य का एटीएम कार्ड समान नाम वाले दूसरे व्यक्ति को दे दिया। उसने बैंक जाकर उसे आधार कार्ड और मोबाइल से लिंक भी करा कर थोड़े-थोड़े कर 1.40 लाख रुपए निकाल लिए।
मामला तब उजागर हुआ जब असल व्यक्ति ने बैंक जाकर 20 हजार रुपए निकलवाए और उसका मैसेज फर्जी व्यक्ति के पास पहुंचा।

ताज्जुब यह कि वह फर्जी व्यक्ति इसकी शिकायत करने बैंक भी पहुंच गया कि उसके खाते से किसी ने रुपए निकाल लिए। इस बीच ही असल व्यक्ति अपना एटीएम कार्ड नहीं आने से बैंक से अपने खाते की नकल निकलवा लाया। उसमें से 1.40 रुपए निकले देख उसने इसकी शिकायत पुलिस को कर दी।

सीआई हीरालाल ने मंगलवार को बताया कि शहर के डिस्लेरी निवासी फरियादी नंदकिशोर पुत्र भंवरलाल बैरवा ने नया एटीएम कार्ड बनवाया था, जो गलती से उसके नाम वाले दूसरे नंदकिशोर नाथ को मिल गया। दोनों के मोहल्ले समान होने के साथ बैंक भी SBI था। नंदकिशोर नाथ ने ढाई माह की अवधि में बैंक से थोड़े-थोड़े कर 1.40 लाख रुपए निकाल लिए थे।

उधर, एटीएम धारक नंदकिशोर ने बैंक से कार्ड मांगा था। वह बनकर आया तो डाकिये ने समान नाम होने से गलती से फर्जी नंदकिशोर को दे दिया।असल नंदकिशोर ने बैंक से एटीएम के बारे में पूछा तो उसे बताया गया कि वह डाक से आएगा। वह इसके इंतजार में था।

इस बीच उसने बैंक खाते से नकल निकलवाई तो उसमें से एकदम 1.40 लाख रुपए निकले देख हैरान रह गया। वह इसकी बैंक में भी शिकायत करने गया तो समान नाम होने से उससे कह दिया कि तुमने ही तो एटीएम से निकाले है, उसने कहा कि मुझे तो एटीएम मिला ही नहीं। बाद में उसने इसकी पुलिस थाने में शिकायत कर दी।

पुलिस ने एटीएम कार्ड में दर्ज मोबाइल नंबर के आधार पर फर्जी नंदकिशोर का पता लगाकर जब एटीएम से रुपए निकलवा लेने के बारे में पूछा तो उसने जवाब दिया कि वह क्या करें उसने तो अपने खाते से पैसे निकलवाए है। इस पर पुलिस ने जब उसे पूरा मामला बताते हुए उसे दोषी बताया तो उसने रुपए लौटा दिए। दोनों पक्षों में राजीनामा हो गया।