रुपया सुधरा, डॉलर के मुकाबले 67.55 पर आया

1001

नई दिल्ली । मंगलवार के कारोबार में 17 पैसे की कमजोरी के साथ 67.68 पर खुले रुपए में थोड़ा सुधार दिखा है। करीब दस बजे रुपया डॉलर के मुकाबले 67.55 पर कारोबार करता देखा गया। आपको बता दें कि सोमवार को रुपया 67.51 प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ था। हालांकि रुपया अब भी बीते कुछ महीनों के निचले स्तर पर है। गौरतलब है कि डॉलर के मुकाबले रुपए में आने वाली कमजोरी और तेजी सीधे तौर पर आम आदमी से सरोकार रखती है।

रुपए में गिरावट की मुख्य वजह कच्चे तेल की कीमतों में लगातार हो रहा इजाफा है। वहीं विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भी भारतीय बाजार से तेजी से अपना पैसा निकाल रहे हैं। एक रिपोर्ट्स के मुताबिक विदेशी निवेशकों (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) ने भारतीय पूंजी बाजारों से बीते आठ कारोबारी सत्रों में 12,671 करोड़ रुपए (2 बिलियन अमेरिकी डॉलर) की निकासी की है।

इससे पहले अप्रैल महीने के दौरान विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजार (इक्विटी एवं डेट) से 15,500 करोड़ रुपए निकाले थे जो कि बीते 16 महीनों का सर्वाधिक स्तर रहा था। इस वजह से भी रुपए में कमजोरी देखने को मिल रही है।
जानिए रुपए की मजबूती से आम आदमी को कौन से 4 बड़े फायदे होंगे-

सस्ता होगा विदेश घूमना: रुपए के मजबूत होने से वो लोग खुश हो सकते हैं जिन्हें विदेश की सैर करना काफी भाता है। क्योंकि अब रुपए के मजबूत होने से आपको हवाई किराए के लिए पहले के मुकाबले थोड़े कम पैसे खर्च करने होंगे। फर्ज कीजिए अगर आप न्यूयॉर्क की हवाई सैर के लिए 3000 डॉलर की टिकट भारत में खरीद रहे हैं तो अब आपको कम भारतीय रुपए खर्च करने होंगे।

विदेश में बच्चों की पढ़ाई होगी सस्ती: अगर आपके बच्चे विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं तो रुपए का मजबूत होना आपके लिए एक अच्छी खबर है। क्योंकि अब आपको पहले के मुकाबले थोड़े कम पैसे भेजने होंगे। मान लीजिए अगर आपका बच्चा अमेरिका में पढ़ाई कर रहा है, तो अभी तक आपको डॉलर के हिसाब से ही भारतीय रुपए भेजने पड़ते थे।

यानी अगर डॉलर मजबूत है तो आप ज्यादा रुपए भेजते थे, लेकिन अब आपको डॉलर के कमजोर (रुपए के मजबूत) होने से कम रुपए भेजने होंगे। तो इस तरह से विदेश में पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई भारतीय अभिभावकों को राहत दे सकती है।

क्रूड ऑयल होगा सस्ता तो थमेगी महंगाई: डॉलर के कमजोर होने से क्रूड ऑयल सस्ता हो सकता है। यानी जो देश कच्चे तेल का आयात करते हैं, उन्हें अब पहले के मुकाबले (डॉलर के मुकाबले) कम रुपए खर्च करने होंगे। भारत जैसे देश के लिहाज से देखा जाए तो अगर क्रूड आयल सस्ता होगा तो सीधे तौर पर महंगाई थमने की संभावना बढ़ेगी। आम उपभोक्ताओं के खाने-पीने और अन्य जरूरी सामानों की आपूर्ति परिवहन माध्यम से की जाती है, इसलिए महंगाई थम सकती है।