कमीशनखोरी की पोल खुली तो प्राइवेट स्कूलों के संचालक बौखलाए

1218

कोटा। शिक्षाधिकारियों की पांच टीमों ने गुरुवार को एक दर्जन से अधिक प्राइवेट स्कूलों की जांच की। जांच में प्रारंभिक तौर पर कई स्कूलों में कमीशनखोरी सामने आई है। उधर, जांच से स्कूल संचालक बौखला गए, उन्होंने विरोध में रैली निकाल कर एडीएम को ज्ञापन सौंपा। शुक्रवार को भी अधिकारियों की टीमें स्कूलों की जांच करेंगी और रिपोर्ट तैयार कर अतिरिक्त संभागीय आयुक्त को सौंपी जाएगी।

डीईओ माध्यमिक एंजिलिका पलात के नेतृत्व में गुरुवार को टीम ने दिशा डेल्फी स्कूल, अरिहंत सीनियर सैकंडरी स्कूल, माहेश्वरी पब्लिक स्कूल, लॉरेंस एंड मैयो स्कूल, एमबी इंटरनेशनल स्कूल, एडीपीसी संजय मीणा के नेतृत्व में जैन दिवाकर स्कूल, सेंट पॉल, जूपिटर पब्लिक स्कूल, एडीईओ नरेंद्र कुमार शर्मा के नेतृत्व में डीएवी, सेंट पॉल, इम्मानुअल और ग्लोबल स्कूल का निरीक्षण किया।

वहीं, कुछ स्कूलों में अच्छी स्थिति मिली तो कुछ में किताबों से लेकर कॉपियों, यूनिफॉर्म का एक ही दुकान से खरीदने से लेकर अन्य विषयों को लेकर पड़ताल की।

एक ही दुकान से खरीदने की बाध्यता सामने आई
जांच अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में मिली जानकारी के अनुसार कई स्कूल संचालकों द्वारा एक ही दुकान से किताबें, कॉपियां और यूनिफॉर्म खरीद करवाने की बात सामने आई है। किताबों और कॉपियों पर स्कूलों के नाम के अलावा यूनिफॉर्म में स्कूल का लोगो भी देखने को मिला।

कलेक्टर एवं कार्यवाहक संभागीय आयुक्त के अनुसार प्राइवेट स्कूलों की पहले दिन पांच दलों ने निरीक्षण किया। शहर के 70 स्कूलों की जांच की जाएगी। 18 अप्रैल तक रिपोर्ट जांच अधिकारियों को देनी होगी। रिपोर्ट के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। -प्रियंका गोस्वामी, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त

एचकेजी और 12वीं की फीस में सिर्फ 500 रुपए का अंतर :पहले दिन किताबों, कॉपियों के अलावा बच्चों की फीस में भी अजीब स्थिति देखने को मिली। शहर के एक स्कूल में एचकेजी और 12वीं के बच्चों की फीस में सिर्फ 500 रुपए तक का अंतर देखने को मिला। जानकारी के अनुसार एचकेजी की फीस 6300 रुपए तो 12वीं की फीस 6800 रुपए तक देखने को मिली।

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने जाँच के विरोध में रैली निकाली
प्राइवेट स्कूलों के संगठनों ने किताबों पर कमीशन लेने के आरोप को निराधार बताते हुए उम्मेद क्लब से कलेक्ट्रेट तक वाहन रैली निकाली। कोटा एजुकेशनल डवलपमेंट फोरम के अध्यक्ष ओम माहेश्वरी ने बताया कि सीबीएसई स्कूलों में कक्षा एक से 12वीं तक एनसीईआरटी सिलेबस ही चलाया जाता है।

महामंत्री कुलदीप माथुर ने बताया कि प्रशासन को प्राइवेट स्कूल संचालकों के प्रतिनिधियों के सुझावों द्वारा गाइडलाइन बनाकर देनी चाहिए। सीबीएसई सहोदय कॉम्प्लेक्स अध्यक्ष प्रदीपसिंह गौड़ ने बताया कि सभी स्कूलों में स्टूडेंट्स में अमीर-गरीब का भेदभाव न हो इसलिए एकरूपता के लिए यूनिफॉर्म लागू की जाती है।

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के संभागीय अध्यक्ष महेश गुप्ता के अनुसार पुस्तकों पर किसी भी तरह का कमीशन नहीं लिया जाता है। प्राइवेट स्कूल वेलफेयर सोसायटी अध्यक्ष दीपक सिंह ने बताया कि स्टूडेंट्स द्वारा अलग-अलग पेज की कॉपी न हो इसलिए स्कूलों द्वारा कॉपी में एकरूपता बनी रही इसलिए इन पर स्कूल का नाम छपवाया जाता है।