मोदी ने शुरू की ‘उड़ान’ सेवा,  2500 में कर सकेंगे हवाई सफर

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नई दिल्ली। पीएम मोदी ने गुरुवार को शिमला एयरपोर्ट से उड़ान सेवा की शुरुआत की। इसके साथ ही महज ढाई हजार रुपए में आम आदमी हवाई सफर कर सकेगा। पीएम मोदी ने सुबह 11 बजे शिमला के जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डे पर पहुचे और यहां उड़ान सेवा का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने कडप्पा-हैदराबाद तथा नांदेड़-हैदराबाद के बीच होने वाली इसी स्कीम की दो अन्य उड़ानों को भी हरी झंडी दिखाई।

पीएम ने इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हवाई सेवा के लिए भारत में सबसे ज्यादा अवसर हैं। पहले हवाई यात्रा धनी लोग किया करते थे लेकिन अब हवाई चप्पल पहनने वाले भी हवाई यात्रा कर सकेंगे। उड़ान योजना के तहत एक घंटे से कम की उड़ान के लिए 2500 रुपये ही देने होंगे।

पीएम बनने के बाद यह मोदी की पहली शिमला यात्रा है। मोदी शिमला के से सस्ती हवाई सेवा के लिए उड़ान स्कीम शुरू करेंगे।शिमला यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री रिज रोड पर एक रैली को भी संबोधित करेंगे। इससे पहले उन्होंने 2003 में उस वक्त शिमला का दौरा किया था जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे।वैसे राज्य के हिसाब से यह हिमाचल प्रदेश का उनका दूसरा दौरा होगा।

पिछले साल उन्होंने मंडी में एक रैली को संबोधित किया था। भाजपा में मोदी आठ वर्ष तक हिमाचल मामलों के संगठनात्मक प्रभारी थे और उन्होंने 2002 तक यह भूमिका निभाई थी।यह है उड़ान सेवा उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) देश के छोटे व मझोले कस्बों को बड़े नगरों तथा परस्पर किफायती हवाई यातायात सुविधा से जोड़ने की स्कीम है।

इसके तहत 500 किमी की विमान यात्रा के लिए 2500 रुपये का किराया वसूला जाएगा। इसके तहत फिक्स विंग विमानों के मामले में यात्रा की अवधि अधिकतम एक घंटे तथा हेलीकॉप्टर के मामले में आधा घंटे मानी गई है।”उड़ान” की उड़ानें देश के 70 हवाई अड्डों से होंगी।इनमें 27 व्यस्त, 12 कम उपयोग में आने वाले तथा 31 अप्रयुक्त हवाई अड्डे शामिल हैं।

इसके लिए विभिन्न नई, पुरानी एयरलाइनों की तरफ से कुल 27 प्रस्ताव सरकार को प्राप्त हुए हैं।इनमें 17 एयरपोर्ट उत्तर, 24 पश्चिम, 11 दक्षिण, 12 पूर्व, 6 पूर्वोत्तर भारत तथा 2 केंद्र शासित प्रदेशों में हैं। इससे 22 राज्य व दो केंद्रशासित प्रदेश सस्ती उड़ानों से जुड़ जाएंगे।16 प्रस्ताव एक-एक रूट पर उड़ान भरने से संबंधित हैं। जबकि 11 प्रस्तावों में एक से अधिक शहरों को जोड़ने की इच्छा जताई गई है।

छह प्रस्ताव ऐसे हैं जिनमें किसी तरह की सब्सिडी (वीजीएफ) की मांग नहीं की गई है।स्कीम के तहत एयरलाइनों को नुकसान की स्थिति में वायबिलटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) के तहत सब्सिडी देने की व्यवस्था है। सरकार का अनुमान है कि स्कीम पर सालाना 6.5 लाख सीटों के लिए करीब 200 करोड़ रुपये की सब्सिडी की जरूरत पड़ेगी।