GST चोरी के लिए सीए ने बनाई रिश्तेदारों और परिचतों के नाम की कंपनियां

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जोधपुर। अपने ही साढ़ू के नाम की कंपनियां खोलकर उसके नाम के चेक पर खुद ही साइन कर करोड़ों रुपए निकालने वाले जीएसटी फ्रॉड गैंग के मास्टरमाइंड सीए गौरव माहेश्वरी को सरदारपुरा पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दो दिन के रिमांड पर लिया। उससे पुलिस को कई और राज खुलने की उम्मीद है।

सरदारपुरा थानाधिकारी लिखमाराम ने बताया कि शहर के शंकर नगर इलाके में आलीशान मकान बनाकर बड़ी कंपनियों को फर्जी बिल देने और इसके बदले में टैक्स सरकार को देने की बजाय एक हिस्सा हड़पने के लिए सीए गौरव माहेश्वरी ने एक के बाद एक तीन दर्जन से ज्यादा डमी कंपनियां बनाई थीं। ये कंपनियां बनाने के लिए किसी को झांसा देकर तो किसी को मुफ्त में इनकम टैक्स या जीएसटी रिटर्न भरने का लालच दिया, तो किसी के दस्तावेज अन्य माध्यम से चुराए गए थे।

पुलिस व स्टेट टैक्स डिपार्टमेंट को ऐसी ही 35 कंपनियों की लिस्ट एफआईआर के साथ परिवादी पंकज काबरा और जेएल भाटी ने सौंपी थी। सीए माहेश्वरी के सगे साढ़ू काबरा ने ही 14 अगस्त 2018 को सरदारपुरा थाने में केस दर्ज कराया था। इसमें काबरा ने पुलिस को बताया कि उसके नाम की फर्में बनी और बैंक खातों से ट्रांजेक्शन खुद गौरव ही करता था और इसके लिए चेक पर जाली साइन करके 2.80 करोड़ रुपए भी खाते से कैश निकाले थे।

जांच अधिकारी सिंह ने बताया कि सीए गौरव ने फर्जी बिलिंग का लंबा जाल फैलाया था, ताकि जीएसटी से जुड़े डिपार्टमेंट्स की पकड़ में नहीं आए। इसके लिए उसने जो भी परिचित, रिश्तेदार या क्लाइंट्स मिले, उनके नाम से फर्जी कंपनियां खड़ी कर दी थीं। इनमें दो फर्म तो उसने अपनी मां के नाम बनाई, तो एक फर्म पिता के नाम पर बनाई थी।

अन्य लोगों के नाम से बनाई फर्जी फर्मों से खुद के माता-पिता के नाम की कंपनियों में करोड़ों के ट्रांजेक्शन किए। उसका बनाया यही जाल खुद के लिए फंसने वाला साबित हुआ। पुलिस पूछताछ में भी वह स्वीकार कर चुका है कि माता-पिता के नाम की फर्मों पर जो भी टैक्स निकलेगा, वो जमा करवाएगा। पैरेंट्स को जेल नहीं जाने देगा। उसने पांच-सात ऐसी कंपनियों के नाम भी बताए हैं, जिन्हें उसने फर्जी बिल दिए थे।