Covid के इलाज में बाधक नियम में आयकर विभाग ने दी छूट, जानिए क्या

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नई दिल्ली। इन दिनों देश में कोरोना वायरस से संक्रमण (Corona Virus Infection) की दूसरा दौर चल रहा है। इस बीमारी के चपेट में खूब लोग आ रहे हैं। इसके साथ ही अस्पतालों और डिस्पेंसरियों में भी कोविड-19 (Covid-19) के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसी परिस्थिति में इलाज कराने के भुगतान में आयकर विभाग (Income Tax Department) का एक नियम बाधा बन रहा है। इस बाधा को दूर कर दिया गया है। लेकिन यह छूट आगामी 31 मई तक के लिए ही है।

इस समय आयकर विभाग का नियम है कि कोई भी व्यक्ति किसी वस्तु या सेवा की खरीद के लिए अधिकतम दो लाख रुपये तक का ही नकद भुगतान कर सकता है। लेकिन कोविड—19 का इलाज कराने में इससे ज्यादा पैसे लग रहे हैं। अस्पताल वाले मरीजों के इलाज के लिए या तो नकद पैसे ले रहे हैं या फिर डिजिटल माध्यम से। चेक वे ले नहीं रहे। ऐसे में उन रोगियों के परिजनों को दिक्कत हो रही है जो नकदी रखते हैं या फिर चेक से काम करते हैं। अभी भी ढेर सारे लोग अज्ञानतावश या फिर डिजिटल ठगी के डर से डिजिटल पेमेंट नहीं करते हैं।

छूट 31 मई तक लागू
सरकार ने कोविड-19 संक्रमण का इलाज करने वाले अस्पतालों, डिस्पेंसरी और कोविड केयर केन्द्रों को मरीजों या उनके आश्रितों से दो लाख रुपये से अधिक का नकद भुगतान स्वीकार करने की छूट दे दी है। हालांकि यह छूट 31 मई तक लागू रहेगी। इसके लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है। इसके लिए अस्पताल को मरीज और भुगतान कर्ता के पैन या आधार कार्ड की प्रति और दोनों के लिंक करने की सूचना रखनी होगी।

क्या कहा है सीबीडीटी ने
सीबीडीटी ने कहा,‘ केंद्र सरकार यहा स्पष्ट करती है कि अस्पतालों, डिस्पेंसरी, नर्सिंग होम, कोविड केयर केंद्रों या कोविड मरीज का इलाज अन्य चिकित्सीय सुविधाओं को आयकर अधिनियम 1961 की धारा 269 एसटी के संबंध में एक अप्रैल 2021 से 31 मई 2021 तक नकद भुगतान के लिए मरीज और उसकी तरफ से भुगतान करने वाली व्यक्ति का पैन या आधार तथा मरीज का भुगतान कर्ता के बीच संबंध की जानकारी रखनी होगी।’