कोटा। बैंक राष्ट्रीयकरण की 52 वीं वर्षगांठ पर सोमवार को बैंक कर्मचारी राष्ट्रीयकरण के समर्थन तथा निजीकरण के विरोध में बेज लगाकर कार्य करेंगे। वहीं शाम को बैंक ऑफ बड़ौदा की झालावाड़ रोड शाखा के समक्ष निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन किया जायेगा।।
तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा देश के 14 बड़े बैंकों का 19 जुलाई को राष्ट्रीयकरण किया गया था। इससे पूर्व बैंक विभिन्न औद्योगिक घरानों द्वारा संचालित किए जाते थे तथा बैंकों में आमजनों की जमा राशि का उपयोग वे स्वयं के हितों में करते थे।
राजस्थान प्रदेश बैंक एम्प्लाइज यूनियन के सचिव पदम पाटोदी ने बताया कि बैंक राष्ट्रीयकरण के बाद देश में भरपूर आर्थिक उन्नति की। छोटे उद्योग, खुदरा व्यापार तथा कृषि एवम दुग्ध क्षेत्र में कमजोर वर्ग को बैंकों की मदद उपलब्ध हुई। ग्रामीण इलाकों में राष्ट्रीयकृत बैंकों तथा उनके द्वारा प्रायोजित क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की शाखाएं खोली गई।
हाल के वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा लगातार बैंक राष्ट्रीयकरण को कमजोर करने तथा निजीकरण के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। जिससे बैंक कर्मियों में रोष व्याप्त है।राष्ट्रीयकृत बैंकों से बड़े औद्योगिक घरानों द्वारा लिए गए ऋणों की अदायगी न करने से एनपीए में वृद्धि हो रही है।
एआईबीईए के केंद्रीय समिति के सदस्य ललित गुप्ता,राजस्थान प्रदेश बैंक एम्प्लाइज यूनियन के जिलाध्यक्ष अशोक ढल, सचिव पदम पाटोदी, सहायक महासचिव डी एस साहू, क्षेत्रीय सचिव आ बी मालव तथा बैंककर्मी नेता पीसी गोयल, अनिल ऐरन, डीके गुप्ता, हेमराज सिंह गौड़, नरेंद्र सिंह तथा यतीश शर्मा ने एक बयान जारी कर बताया कि 52वें बैंक राष्ट्रीयकरण दिवस से संबंधित पोस्टर सभी बैंक शाखाओं के बाहर लगाए गए हैं।