नई दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय हाईवे के किनारे स्मार्टसिटी, टाउनशिप्स, लॉजिस्टिक्स पार्क और इंडस्ट्रियल क्लस्टर का निर्माण करने की योजना बना रहा है। इसको लेकर मंत्रालय की ओर से प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्रीय कैबिनेट में पेश किया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी है।
देश में वर्ल्ड क्लास हाईवे नेटवर्क बनाने का लक्ष्य
एक वर्चुअल इंवेंट में बोलते हुए नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि उनका लक्ष्य देश में वर्ल्ड क्लास हाईवे नेटवर्क तैयार करना है। साथ ही सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय पूंजी जुटाने के लिए मौजूदा हाईवे प्रोजेक्ट को मॉनिटाइज करने का प्लान बना रहा है। अब हमने हाईवे किनारे टाउनशिप्स, स्मार्टसिटी, लॉजिस्टिक पार्क और इंडस्ट्रियल क्लस्टर के निर्माण की मंजूरी के लिए कैबिनेट नोट तैयार किया है।
भारतमाला परियोजना के दूसरे फेस की स्कीम जमा की
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि मंत्रालय ने भारतमाला परियोजना के दूसरे फेस की स्कीम जमा कर दी है। इस फेस में 65 हजार से 70 हजार किलोमीटर लंबे हाईवे का निर्माण किया जाना है। उन्होंने कहा कि हम पार्किंग प्लाजा, लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण कर रहे हैं। अब हम 2.5 लाख करोड़ रुपए की लागत से सुरंग निर्माण की योजना बना रहे हैं।
रोड प्रोजेक्ट की लागत बढ़ना गंभीर मुद्दा
एक सवाल के जवाब में नितिन गडकरी ने कहा कि रोड प्रोजेक्ट की लागत बढ़ना गंभीर मुद्दा है। उन्होंने सभी कॉन्ट्रेक्टर्स को अपने प्रस्ताव मंत्रालय को भेजने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इस मु्द्दे पर वे पॉजिटिव हैं, लेकिन कॉन्ट्रेक्ट से बंधे हुए हैं। हम इस मुद्दे का हल निकालने का प्रयास करेंगे। हाल ही में कुछ हाईवे कॉन्ट्रेक्टर्स की ओर से निविदा प्राइस से भी कम की बोली लगाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा,” हम जानते हैं कि मंत्रालय की ओर से नियमों में ढील देने पर कुछ बड़े कॉन्ट्रेक्टर नाराज हैं।
कॉन्ट्रेक्टर्स के बीच होना चाहिए कॉम्पटीशन
उन्होंने कहा कि रोड प्रोजेक्ट से जुड़े कॉन्ट्रेक्टर्स के बीच कॉम्पटीशन होना चाहिए। और यह भी सत्य नहीं है कि जिन कॉन्ट्रेक्टर्स ने काम के लिए कम बोली लगाई है, वे काम की गुणवत्ता के साथ समझौता करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कॉन्ट्रेक्टर्स को सर्वाइव करने के लिए निर्माण की लागत कम करनी होगी। उन्होंने कहा कि अब वो दिन गए जब 5-7 बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियां गठजोड़ करके कॉन्ट्रेक्ट ले लेती थीं। मैं उन कंपनियां का तकनीकी और वित्तीय क्वालिफिकेशन खेल अच्छी तरह समझता हूं।