नागपुर। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए 100 करोड़ की वसूली के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दूसरी बार देशमुख के घर पर छापा मारा है। ED की दो टीमें देशमुख के शिवाजीनगर स्थित घर में तलाशी ले रही हैं। इससे पहले ED उनके घर पर 25 मई को छापेमारी कर चुकी है। ED से पहले CBI ने भी उनके 12 ठिकानों पर छापे मारे थे।
ताजा जानकारी के मुताबिक ED की कार्रवाई सुबह 6 बजे शुरू हुई और अभी तक जारी है। ED ने देशमुख के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया है। ED के केस में अनिल देशमुख के अलावा उनके करीबियों के भी नाम थे, जिन पर अब शिकंजा कसा जा रहा है।
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने करीब ढाई महीने पहले राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने ही मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट दिया था। हालांकि, अनिल देशमुख ने आरोपों से इंकार किया था, लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से CBI जांच के आदेश के बाद देशमुख को पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
सचिन वझे ने भी देशमुख पर आरोप लगाया था
सिर्फ परमबीर सिंह ने ही नहीं, बल्कि सचिन वझे ने भी महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर अवैध वसूली का टारगेट देने का आरोप लगाया था। वझे ने NIA को दिए बयान में कहा था, ‘मैंने 6 जून 2020 को दोबारा ड्यूटी ज्वाॅइन की थी। मेरी ज्वॉइनिंग से शरद पवार खुश नहीं थे। उन्होंने मुझे दोबारा सस्पेंड करने के लिए कहा। यह बात मुझे खुद अनिल देशमुख ने बताई थी। उन्होंने मुझसे पवार साहब को मनाने के लिए 2 करोड़ रुपए भी मांगे थे। इतनी बड़ी रकम देना मेरे लिए मुमकिन नहीं था। इसके बाद गृह मंत्री ने मुझे इसे बाद में चुकाने को कहा। इसके बाद मेरी पोस्टिंग मुंबई के क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) में हुई।’
वझे ने आगे बताया था, ‘जनवरी 2021 में गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुझे अपने सरकारी बंगले पर बुलाया। तब उनके PA कुंदन भी वहां मौजूद थे। इसी समय मुझसे मुंबई में 1,650 पब, बार मौजूद होने और उनसे हर महीने 3 लाख रुपए के कलेक्शन की बात कही गई। इस पर मैंने गृह मंत्री अनिल देशमुख से कहा कि शहर में 1,650 बार नहीं, सिर्फ 200 बार हैं।’
‘मैंने गृह मंत्री को इस तरह बार और पबों से पैसा इकट्ठा करने से भी मना कर दिया था, क्योंकि मैंने उन्हें बताया था कि यह मेरी क्षमता से बाहर की बात है। तब गृह मंत्री के PA कुंदन ने मुझे कहा था कि अगर मैं अपनी जॉब और पोस्ट को बचाना चाहता हूं तो वही करूं जो गृह मंत्री कह रहे हैं।’