कोटा। भीषण झुलसती गर्मी भले ही आमजन के दिनचर्या पर असर डाल रहे हो व शहर में रक्त का टोटा हो। किन्तु रक्त की ज़रूरत के एक संदेश पर शहर के युवा दौड पड़ते हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से सामाजिक संस्थायें मैसेज बनाकर वायरल करती हैं और सामाजिक कार्य करने के इच्छुक युवा इस आपदा को अवसर में तब्दील करने के लिए लालायित रहते हैं । ऐसी ही एक बानगी शुक्रवार को देखने को मिली।
लायंस क्लब के ज़ोन चेयरमैन व टीम जीवनदाता के संयोजक भुवनेश गुप्ता बताते है कि ओपेरा अस्पताल में बहुत कमजोर अवस्था मे खून की कमी से धुलेट कनवास ग्राम निवासी मासूम बिटिया मीना कुमारी नागर को भर्ती करवाया गया। उस समय उनका हीमोग्लोबिन घटकर 3 पॉइंट रह गया और वो नाजुक हालत में आ गयी । गुप्ता के पास अस्पताल से उनकी मदद के लिये कॉल आया और तुरंत चार यूनिट ब्लड की व्यवस्था के लिये कहा। शहर के ब्लड बैंकों में रक्त उपलब्ध नही होने के कारण गुप्ता ने टीम जीवनदाता समेत रक्त संबंधित ग्रुप में अनुरोध किया।
कुछ देर में ही राजीव गांधी निवासी बहन व बीएड छात्रा शैलई (21) ने वायरल मैसेज पढा और मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहे छोटे भाई धवन्य (18) को मोटिवेट किया। बहिन ने समझाया कि जिस सोशल वर्किंग पर वो प्रोजेक्ट बनाना चाह रहा था, वास्तव में रक्तदान ही सर्वश्रेष्ठ सोशल वर्किंग है। इसका प्रैक्टिकल रक्तदान करके किया जा सकता है। दोनों बहन- भाई ने तुरंत गुप्ता से संपर्क कर मदद करने की इच्छा जाहिर की और ब्लड बैंक पहुँचकर रक्तदान किया।
उन्हें रक्तदान करते देख मरीज के परिजन भी काफी प्रभावित हुए। रोगी के चाचा कोमल नागर, मित्र सागर शर्मा ने भी रक्तदान किया। चार यूनिट की इतनी शीघ्र हुई व्यवस्था से काफी खुश थे । 18 वर्ष पूर्ण कर चुके भाई ने कहा कि अब वो अपने कॉलेज के समस्त विद्यार्थियों को रक्तदान के लिए प्रेरित कर इस ज्योत को घर- घर जगायेंगे।
कॉलेज स्तर पर जोड़ेंगे रक्तमित्र
भुवनेश गुप्ता बताते है कि स्कूल कॉलेज खुलने के पश्चात हर एक कॉलेज स्तर पर यंग टीम का निर्माण करेंगे जिसमें अधिकाधिक युवाओँ को रक्त की उपयोगिता व एमरजेंसी की आवश्यकता का महत्व सिखायेंगे। इससे विद्यार्थियों में मानवता का भाव जागेगा और जीवनपर्यंत वे इस सेवाकार्य से जुड़े रहेंगे। देश मे स्वेच्छिक़ रक्तदान की दिशा में ये एक कारगार प्रयास होगा।