9 नंबर से 31 दिसंबर 2016 तक कुल 31,300 करोड़ रुपये पूर्व में निष्क्रिय पड़े खातों में जमा कराए गए
अहमदाबाद । नोटबंदी से पहले निष्क्रिय बैंक खातों की संख्या और उसके बाद सक्रिय हुए अकाउंट्स की जानकारी 12 सार्वजनिक बैंकों ने एक आरटीआई के जवाब में दी है। बैंकों की ओर से दिए गए जवाब के मुताबिक निष्क्रिय पड़े 80.14 लाख बैंक खाते नोटबंदी के बाद ऐक्टिव हो गए थे।
आरटीआई के जवाब में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक नोटबंदी के बाद 9 नंबर से 31 दिसंबर 2016 तक कुल 31,300 करोड़ रुपये पूर्व में निष्क्रिय पड़े खातों में जमा कराए गए। हालांकि इंडियन ओवरसीज बैंक ने निष्क्रिय खातों की संख्या की जानकारी देने से इनकार कर दिया है।
निष्क्रिय खातों में नोटबंदी के दौरान सबसे ज्यादा 4843.91 करोड़ रुपये की राशि पंजाब में जमा हुई है। भारतीय स्टेट बैंक और आईडीबीआई बैंक ने यह कहते हुए आरटीआई का जवाब देने से इनकार कर दिया कि डेटा बहुत बड़ा है। दोनों बैंकों ने कहा कि इतने लंबे डेटा को एकत्र करना मानव संसाधन और समय को व्यर्थ करने जैसा होगा।
आरटीआई आवेदन पर जिन बैंकों ने जानकारी दी है, उनमें सिंडिकेट बैंक, विजया बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इलाहाबाद बैंक, आंध्रा बैंक, पंजाब ऐंड सिंध बैंक, यूनियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नैशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं।