नई दिल्ली। वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। सरकार ने कहा कि इसे वापस लिया जाए। इसके लिए सात दिन की नोटिस वॉट्सऐप को दिया है। इलेक्ट्रॉनिक एवं आईटी मंत्रालय ने यह नोटिस दिया है। यह दूसरा नोटिस मंत्रालय ने दिया है।
18 मई को वॉट्सऐप को भेजे गए एक पत्र में मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी भारतीय यूजर्स की निजता, डाटा सिक्योरिटी के अधिकार को खत्म करने वाली है। पत्र में कहा गया है कि करोड़ों भारतीय यूजर्स कम्युनिकेशन के लिए प्रमुख रूप से वॉट्सऐप पर निर्भर हैं। वॉट्सऐप की नई पॉलिसी को लागू करके कंपनी ने गैर-जिम्मेदार होने का प्रमाण दिया है।
नई पॉलिसी को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में मामला अभी विचाराधीन है। मंत्रालय ने साफतौर पर कहा है कि वॉट्सऐप की नई पॉलिसी कई भारतीय कानूनों को तोड़ने वाली है। मंत्रालय ने वॉट्सऐप से सात दिनों के अंदर जवाब मांगा है और यह भी कहा है कि यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो वॉट्सऐप के खिलाफ कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।
वॉट्सऐप पर दिल्ली हाई कोर्ट में 17 मई को सुनवाई हुई। कोर्ट में नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर याचिका दायर की गई थी। जिसमें सरकार ने कोर्ट को कहा कि वॉट्सऐप की नई पॉलिसी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (IT) कानून का उल्लंघन है। जबकि वॉट्सऐप का कहना है कि जो यूजर्स का डेटा ओला, ट्रू कॉलर, कू ऐप, जोमैटो और आरोग्य सेतु ऐप भी यूज करती हैं वही डाटा हम भी ले रहे हैं। बस फर्क इतना है कि हम यूजर्स को बता कर उनका डेटा ले रहे हैं।
बता दें कि सोशल मैसेंजर प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप ने भारत में 15 मई से लागू होने वाली नई प्राइवेसी पॉलिसी को फिलहाल टाल दिया है। कंपनी ने प्राइवेसी पॉलिसी को लागू होने की नई तारीखों का ऐलान नहीं किया है। कंपनी ने कहा कि नई पॉलिसी को स्वीकार ना करने वाला कोई भी अकाउंट डिलीट नहीं किया जाएगा।
क्या है वॉट्सऐप की नई पॉलिसी?
वॉट्सऐप यूजर जो कंटेंट अपलोड, सबमिट, स्टोर, सेंड या रिसीव करते हैं, कंपनी उसका इस्तेमाल कहीं भी कर सकती है। कंपनी उस डेटा को शेयर भी कर सकती है। पहले दावा किया गया था कि अगर यूजर इस पॉलिसी को ‘एग्री’ नहीं करता है तो वह अपने अकाउंट का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। हालांकि, बाद में कंपनी ने इसे ऑप्शनल बताया था।