बाड़मेर। सरहदी बाड़मेर जिले के गुडामालानी उपखंड मुख्यालय पर स्थित कृषि उपज मंडी के लगातार 6 दिन तक बन्द रहने से सैकड़ों किसान हैरान -परेशान है। 16 अप्रेल से अगले 6 दिनों के लिए व्यापार मंडल की ओर से बंद करने की घोषणा की गई है। इसने किसानों की उम्मीदों को तोड़ कर रख दिया है। सैकड़ों की तादात में किसानों को खुद की उपज के खराबे की चिंता है। उल्लेखनीय है कि भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे सरहदी बाड़मेर जिले की एकमात्र गुड़ामालानी जीरा मंडी इन दिनों बंद है।
गुड़ामालानी व्यापार मंडल ने 16 अप्रेल से आगामी 6 दिनों तक कृषि उपज मंडी को बंद करने के निर्णय ने सैकड़ो किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। उपज मंडी बन्द करने वाले व्यापारियों का कहना है कि गुजरात के उंझा में देश की सबसे बड़ी जीरा मंडी बंद होने से यहां की मंडियों का व्यापार भी ठप्प हो जाता है। ऐसे में माल खरीद कर बेचे, तो किसको बेचे। यही वजह है कि बाड़मेर के गुड़ामालानी की कृषि उपज मंडी को भी बंद कर दिया गया है।
बाजार भावों की कमी
इधर किसानों का कहना है कि इस बार खेती भी उन्नत किस्म की नहीं रही । बाजार में भावों की भी कमी चल रही है। यहां के किसानों ने बड़ी मेहनत के साथ इस बार रबी की फसल को तैयार किया। जैसे ही बेचने का समय आया , मंडियों द्वारा बंद की घोषणा ने किसानों के हाथ पैर फुला दिए है। किसानों ने लोगो से उधार लेकर जीरा बोया था। अब उसका बेचान नहीं होने से लोग उनके घर आकर तकाजा करने लगे है।
यहां किसान जीरे की खेती पर ही निर्भर
वहीं कुछ दिनों बाद शादियों का सीजन शुरू हो रहा है। पिछली बार कोरोना की वजह से शादी ब्याह नहीं कर सके। ऐसे में उन किसानों के सामने बड़ी परेशानी हो गई है,जो शादी की पूर्ण तैयारियों के बीच मंडी बंद होने से यह आग में घी का काम कर रही है। किसान नेता बाबूलाल मांजू बताते हैं कि मंडी बंद होने से किसानों के सामने अनेको परेशानियां पैदा हो गई है। किसान जीरे की खेती पर निर्भर है। ऐसे में व्यापार नहीं होता है तो किसान कहीं का नहीं रहेगा।
व्यापार- रोजगार प्रभावित
व्यापार मंडल अध्यक्ष पुरुषोत्तम जैन ने बताया की गुडामालानी कृषि उपज मंडी का सीधा व्यापार गुजरात के उंझा मंडी से होता है। ऊंझा मंडी बंद होने से यहां के व्यापारियों का रोजगार भी प्रभावित हो गया है। आपको बता दें कि गुड़ामालानी कृषि उपज मंडी में प्रतिदिन हजारों बोरी जीरे का लेनदेन होता है। यहां का जीरा अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है। यहा के जीरे की निर्यात में बड़ी मांग है। खारे पानी से पनपने वाले जीरे की दवाई कम्पनियों में भी बड़ी मांग है लेकिन बाड़मेर के गुढ़ामालानी की मंडी के 6 दिन तक लगातार बन्द रहने से ना केवल व्यापारियों का व्यापार अटक गया है। वही इस बन्द मंडी ने किसानों के भी हाल बेहाल कर दिए हैं।