कुंभ से आने वालों के कारण गांवों में कोरोना फैला, गहलोत बोले

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जयपुर। कोरोना के लगातार बढ़ने के बाद सरकार प्रदेश में सख्त पाबंदियां लगाने की तैयारी में है। इसी को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओपन बैठक शुरू हो गई है। अधिकारियों, राजनीतिक दलों, धर्मगुरुओं, सामाजिक संगठनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके कोरोना के मौजूदा हालात पर चर्चा कर रहे हैं। सबसे पहले चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिव सिद्धार्थ महाजन ने तमाम पहलुओं पर सीएम को जानकारी दी।

इसके बाद गहलोत ने कहा- पहले कहते थे कि कोरोना गांवों में नहीं फैलता, लेकिन अब 30 फीसदी कोरोना मरीज गांवों से आ रहे हैं। कुंभ से आने वालों के कारण गांवों में कोरोना फैला है। गुजरात-महाराष्ट्र से आने वालों के कारण डूंगरपुर, उदयपुर, बांसवाड़ा सहित कई जिलों के गांवों में महामारी ज्यादा फैली है। उधर, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिंपल डॉ. सुधीर भंडारी ने दो टूक कहा- जो लॉकडाउन के विरोधी हैं, वे किसी भी अस्पताल की इमरजेंसी में एक घंटा गुजार लें, भयावहता समझ आ जाएगी। जिंदा रहना ज्यादा जरूरी है। जीविका बाद में है।

ऑक्सीजन अब जामनगर से मिलेगी
गहलोत ने कहा, पहले भिवाड़ी में ऑक्सीजन बन रही थी। उसे भारत सरकार ने सेंट्रलाइज्ड वितरण का फैसला किया। भारत सरकार ने पहले राजस्थान को नाममात्र का ऑक्सीजन अलॉट किया। अब जाकर जामनगर से ऑक्सीजन का कोटा मिला है। जामनगर में टैंकर नहीं है। वहां से ऑक्सीजन लाने की व्यवस्था की जा रही है।

कोराना की दूसरी लहर बहुत घातक
सीएम ने कहा, दूसरे फेज में कोराना की रफ्तार बहुत घातक है। परिवार का परिवार खत्म हो रहा है। पहले नौजवानों में कम था। अब नौजवान भी चपेट में आ रहे हैं। राजस्थान में मृत्यु दर बढ़ रही है। किसी ने सोचा नहीं होगा कि राजस्थान में इतनी मृत्यु दर होगी। पड़ोसी राज्यों के हालात सबके सामने है। रेमडेसिवर, ऑक्सीजन की कमी है। शनिवार को ऑक्सीजन और दवाओं को लेकर पीएम को अफसरों और राज्यों के साथ वीसी करनी पड़ी।

मास्क वैक्सीन से कम नहीं
गहलोत ने कहा- पिछली बार पूरे साल जितना तनाव नहीं था, उतना एक माह में हो गया है। यूके ने चार माह लॉकडाउन लगाया, सिंगापुर ने भी बहुत कड़े कदम उठाए। सिंगापुर में बिना मास्क बाहर निकलने पर 5000 डॉलर जुर्माना है। हमें भी अपने प्रदेश को बचाना है। मास्क वैक्सीन से कम नहीं है। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और बार-बार हाथ धोने पर जोर देना होगा। लोगों ने लापरवाही बरतनी शुरू कर दी है, इसलिए ऐसे हालात बन रहे हैं।

प्रदेश में 67 हजार एक्टिव केस
वीसी में चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिव सिद्धार्थ महाजन ने कहा कि आने वाले 13 दिन में कोरोना के 1.30 लाख केस होने की आशंका है। अभी प्रदेश में 67 हजार एक्टिव केस हैं। कोविड से मरने वालों में 30 फसदी ग्रामीण इलाकों के हैं। पहले यह मिथक था कि यह शहरी क्षेत्र की बीमारी है। अब ग्रामीण इलाकों में भी कोविड फैल रहा है।

इंडस्ट्रियल की सप्लाई रोकी
महाजन ने प्रेजेंटेशन के जरिए बताया कि 11 दिन में ऑक्सीजन की मांग दोगुनी हो जाएगी। ग्रामीण इलाकों के ऑक्सीजन प्लांट को भी 24 घंटे प्रोडक्शन के लिए कह दिया है। इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन की सप्लाई को रोककर मेडिकल में डायवर्ट किया जा रहा है।

ऑक्सीजन प्लांट्स को 24 घंटे बिजली दी जाएगी
चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिव सिद्धार्थ महाजन ने कहा, कई जिलों में ऑक्सीजन बेड करीब-करीब फुल हो गए हैं। ऑक्सीजन सप्लाई के लिए भारत सरकार से वीसी की गई है। ऑक्सीजन प्लांट्स को 24 घंटे बिजली दी जाएगी ।

जान बचाने के लिए लॉकडाउन जरूरी
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिंपल डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा- कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए लॉकडाउन जरूरी है। जो लॉकडाउन के विरोधी हैं, वे किसी भी अस्पताल की इमरजेंसी में एक घंटा गुजार लें, आपको भयावहता समझ आ जाएगी। जिंदा रहना ज्यादा जरूरी है। जीविका बाद में है। हम जीवन बचाएं, जीविका तो हो जाएगी। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिंपल डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा, हमें योजनाबद्ध तरीके से लॉकडाउन लगाना होगा। 1921 में जिस तरह स्पैनिश फ्लू से मौतें हुई थीं, वैसे हालात बन सकते हैं। हमारे 45 डॉक्टर वैक्सीनेशन के बाद भी कोरोना पॉजिटिव हो गए, वे सब एसिम्प्टोमेटिक हैं। उनमें कोई लक्षण नहीं हैं। यह सब वैक्सीन की वजह से हो पाया है, इसलिए सब वैक्सीन लगवाएं।

कैबिनेट की बैठक में भी चर्चा
इससे पहले मुख्यमंत्री ने मंत्रिपरिषद की बैठक में 4 घंटे तक मंथन किया। मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से सख्ती करने को कहा, लेकिन लॉकडाउन टालने का सुझाव दिया है। मंत्रिपरिषद की बैठक में लॉकडाउन पर फैसला नहीं हुआ। मंत्रिपरिषद में हुई चर्चा के मुताबिक, अब इस बात की संभावना है कि कोराना से ज्यादा प्रभावित जिलों में लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाया जाए। मुख्यमंत्री ने 3 दिन पहले ही ओपन बैठक की थी। उस बैठक के बाद वीकेंड लॉकडाउन की घोषणा की थी।